इंजीनियर 18 करोड़ के ठेके में मांगा था दो फीसदी कमीशन, विजिलेंस टीम ने किया गिरफ्तार

 मेरठ 
रैपिड रेल निर्माण कार्य के दौरान शटडाउन के बदले बिजली लाइन शिफ्ट करने वाली कंपनी से 36 लाख रुपये मांगे गए थे। आरोप है कि अधीक्षण अभियंता ने 18 करोड़ के ठेके में से दो प्रतिशत कमीशन मांगा था। हालांकि, बाद में 12 लाख रुपये में डील हुई थी। गुरुवार को पहली किश्त के रूप में दो लाख रुपये रुपये लेते हुए आरोपी अधीक्षण अभियंता को विजिलेंस टीम ने रंगेहाथ दबोच लिया।  

अरविंद इलेक्ट्रिकल्स कंपनी के पास रैपिड निर्माण कार्य के दौरान बिजली विभाग की लाइनों की शिफ्टिंग का ठेका है। कंपनी के चेयरमैन ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से मेरठ में लगातार परेशान किया जा रहा था। बिजली की शिफ्टिंग के लिए जब भी शट-डाउन मांगा जाता, मना कर दिया जाता। कागजात भी नहीं दिए जा रहे थे। रैपिड रेल कॉरीडोर के निर्माण कार्य में देरी हो रही थी, इसलिए अधीक्षण अभियंता देवेंद्र पचौरिया से बात की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि देवेंद्र पचौरिया ने शटडाउन के बदले 18 करोड़ के पूरे ठेके का दो प्रतिशत यानी 36 लाख रुपये मांग लिए। बातचीत के बाद 12 लाख रुपये में डील तय हो गई। आरोप लगाया कि अधीक्षण अभियंता बार-बार कहते थे कि कई लोगों को पैसा जाना है।

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