विक्रम विवि में एक दिन में नौ पेपर लेकर किया पास, एमकॉम का प्रवेश होगा निरस्त

उज्जैन। विक्रम यूनिवर्सिटी का एक अजीब कारनामा सामने आया है। विवि की एक छात्रा से एक ही दिन में ओपन बुक सिस्टम से 9 विषयों की परीक्षा दी है। इसमें वह पास हो गई, जिसकी मार्कशीट उसे आवंटित कर दी गई हे। विवि ने अपनी 10 साल पुरानी गलती को छिपाने के लिए यह सब किया। लड़की को नौकरी के लिए डिग्री की जरूरत थी। इसलिये विवि ने अपनी गलती सुधारते और छात्रा का  भविष्य सुरक्षित करते हुये एमकॉम का प्रवेश निरस्त करने का निर्णय लिया है।

बड़नगर की छात्रा दीपिका सिंह पवार 2011 में प्राइवेट बीकॉम फाइनल ईयर की परीक्षा में बैठी थी। दो महीने बाद आए रिजल्ट में उसे दो विषयों में पूरक (सप्लीमेंट्री) आ गई, लिहाजा उसने दोनों विषयों में पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया। एक में पास हो गई और दूसरे में तीन नंबर कम थे। तब उसे परीक्षा विभाग ने पासिंग सर्टीफिकेट दे दिया, जिससे नियमानुसार एमकाम में प्रोविजनल एडमिशन मिल गया। बस यहीं से यूनिवर्सिटी की लापरवाही शुरू हुई। वह दो साल तक एमकॉम की पढाई करती रही और डिग्री भी ले ली, लेकिन बीकॉम लास्ट ईयर में फेल थी। इस बीच उसका एमकॉम भी कंप्लीट हो गया।

10 साल बाद आया पेंच
छात्रा दीपिका सिंह पवार ने 10 साल बाद यानी 2021 में नौकरी के लिए आवेदन दिया। उसमें छात्रा से एमकॉम के साथ बीकॉम फाइनल ईयर की डिग्री मांगी गई। छात्रा ने नियमानुसार फीस जमा करके बीकॉम की डिग्री के लिए आवेदन दिया। इस आवेदन के आधार पर जब विवि ने छात्रा का रिकॉर्ड देखा तो उसमें पता चला कि छात्रा ने बीकॉम तो पूरी तरह से पास ही नहीं किया। अब यहीं से विवि ने अपनी लापरवाही छिपाने के तरीके ढूंढ़ने शुरू किए।

एक ही दिन में परीक्षा ली
इस मामले में अफसरों के बीच ताबड़तोड़ चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। तय किया गया कि नोटशीट चलाकर छात्रा को पूर्व से वंचित छात्र के रूप में बीकॉम तृतीय वर्ष के लिए आॅनलाइन आवेदन करवाया जाए और एक ही दिन में सभी परीक्षाएं ली जाएं। इसी आधार पर विक्रम यूनिवर्सिटी ने बीते हफ्ते एक ही दिन में 9 विषय की परीक्षा ले ली। सभी उत्तर पुस्तिकाएं जमा कर लीं, एक ही दिन में जांच भी कर दी और शाम तक परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया। इतना ही नहीं मार्कशीट भी दे दी।
 

उठते सवाल?
– 2011 में जो छात्रा फेल थी उसे पासिंग सर्टिफिकेट किस आधार पर परीक्षा विभाग ने जारी किया?
– पासिंग सर्टिफिकेट के आधार पर एमकॉम में प्रवेश लेने के बाद संबंधित कॉलेज ने बीकॉम फाइनल की मार्कशीट क्यों नहीं मांगी।
– इन सबके बाद भी जब छात्रा ने पहली बार एमकॉम के लिए परीक्षा आवेदन पत्र जमा किया तब भी उससे बीकॉम की मार्कशीट नहीं मांगी गई।

जांच कराएंगे कुलपति
2011 का एक मामला आया है। छात्रा आई थी, यहीं से उसे पासिंग सर्टिफिकेट दिया गया था, जिसके आधार पर उसने आगे की कक्षा की परीक्षाएं उत्तीर्ण कर ली हैं। इस मामले में परीक्षा विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं। छात्रा की बीकॉम की परीक्षा कराकर अंकसूची दी है। छात्रा को ट.उङ्मे की मार्कशीट और डिग्री दोनों वापस यूनिवर्सिटी में जमा कराने के लिए कहा है। इस मामले में आगे जांच भी हम कराएंगे।
प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय
कुलपति, विक्रम विवि, उज्जैन

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