पुतिन ने दो घंटे तक बाइडेन से की वीडियो कॉल पर बात, यूक्रेन पर अमेरिका को दी चेतावनी

दिल्ली

रूस और अमेरिका के राष्ट्राध्यक्षों के बीच वीडियो कॉल के जरिए दो घंटे तक हुई बातचीत में खरी-खरी बातें हुईं। अमेरिका ने प्रतिबंधों की धमकी दी तो रूस ने अपनी मांगें साफ-साफ रख दीं। मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से एक वीडियो कॉल के जरिए हुई बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खरी-खरी बातें करते हुए कहा कि अगर यूक्रेन पर किसी तरह की सैन्य कार्रवाई होती है तो अमेरिका करारा जवाब देगा। अमेरिकी सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि लगभग दो घंटे चली बैठक में बाइडेन ने पुतिन को स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि यूक्रेन पर चढ़ाई की गई तो "सख्त आर्थिक प्रतिबंधों और अन्य तरीकों से" जवाब दिया जाएगा। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया, "राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिका और हमारे यूरोपीय सहयोगियों की तरफ से रूस के यूक्रेन पर चढ़ाई को लेकर गंभीर चिंताएं जाहिर की हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति समर्थन दोहराया और आक्रामक रवैया छोड़कर कूटनीति की ओर लौटने की बात कही।
 

रूस क्या चाहता है?

रूस ने अमेरिका की प्रतिबंधों की धमकी को खारिज कर दिया। पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी यूशाकोव ने मीडिया से कहा, "अमेरिकी राष्ट्रपति ने संभावित प्रतिबंधों की बात की तो हमारे राष्ट्रपति ने बताया कि हम क्या चाहते हैं। प्रतिबंधों में कुछ नया नहीं है। वे बहुत समय से चल रहे हैं और उनका कोई असर नहीं पड़ेगा। यूक्रेन का आरोप है कि रूस उस पर आक्रमण की तैयारी कर रहा है।

रूस इन आरोपों को बेबुनियाद बताता है और उसका कहना है कि पश्चिमी देश काला सागर में युद्धाभ्यास जैसी उकसावे की कार्रवाइयां कर रहे हैं। बैठक के बाद क्रेमलिन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पुतिन ने मांग की कि उन्हें भरोसा दिलाया जाए कि पूर्व सोवियत देश यूक्रेन भविष्य में नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा। क्रेमिलन ने कहा, "रूस इस बात को लेकर ठोस और कानूनी तौर पर बाध्यकारी गारंटी चाहता है कि नाटो पूर्व में अपना विस्तार नहीं करेगा और रूस के साथ लगते इलाकों में आक्रामक हथियार तैनात नहीं किए जाएंगे।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सलीवन ने कहा कि पुतिन की किसी भी मांग पर कोई वादा नहीं किया गया है। पुतिन-बाइडेन बैठक के बाद सलीवन ने कहा कि अगर पुतिन यूक्रेन पर हमला करते हैं तो वह नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन परियोजना को भी संकट में डालेंगे। इस बैठक से कुछ ही घंटे पहले यूक्रेन ने आरोप लगाए थे कि रूस युद्ध-पीड़ित पूर्वी यूरोप में टैंक और निशानेबाज बंदूकधारी भेजना जारी रखे है और जवाबी गोलीबारी के लिए उकसा रहा है।

यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि रूस "अपनी सेना के अफसरों के नेतृत्व में ट्रेनिंग कैंप चला रहा है। रूस ने इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ऐसा माना जाता है कि रूस ने दसियों हजार सैनिक यूक्रेनी सीमा के पास जमा कर लिए हैं। जेक सलिवन ने स्पष्ट किया कि अमेरिका यूक्रेन को अतिरिक्त रक्षा उपकरण उपलब्ध करवाएगा और नाटो पूर्वी सीमा पर किलेबंदी मजबूत करेंगे ताकि किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब दिया जा सके।

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