पीएम मोदी के मंच पर दिखी सहयोगी दलों की एकजुटता, अनुप्रिया और संजय निषाद को मिली खास तवज्‍जो

गोरखपुर

गोरखपुर के खाद कारखाने के मंच से विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बजाने आए प्रधानमंत्री मोदी के मंच पर एनडीए की एकजुटता भी दिखी। सत्ता में वापसी के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक तरह से जवाब भी देना था, जो लगातार सहयोगी दलों के साथ रैलियां कर महौल बना रहे हैं। डेढ़ माह में मंगलवार को पूर्वांचल की चौथी रैली के मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ. संजय निषाद साथ-साथ दिखे।

खाद कारखाने, एम्स और आरएमआरसी की लैब का लोकार्पण कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में जहां विधानसभा चुनाव का शंखनाद किया। वहीं मंच पर पहली बार एनडीए के सहयोगी दलों के साथ खड़े होकर सियासी संदेश भी दिया। अपना दल (एस) की अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पिछड़ा वर्ग में अच्छी पकड़ है। आबादी के लिहाज से पिछड़ा वर्ग में यादव के बाद कुर्मी समाज दूसरे नम्बर पर है। अनुप्रिया के नेतृत्व वाले अपना दल (एस) का वाराणसी, गोरखपुर, महाराजगंज, संतकबीर नगर, अंबेडकरनगर, बस्ती, अयोध्या, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, बाराबंकी, गोंडा, रॉबर्ट्सगंज प्रभाव है। भाजपा ने 2014, 1017 और 2019 के चुनाव में अपना दल के साथ मिल कर इसका लाभ भी उठाया था। यही वजह है कि पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंच से उनका नाम प्रमुखता से लिया।

भाजपा की दूसरी सहयोगी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद भी मंच पर दिखे। उन्होंने मंच से जनसभा को संबोधित भी किया। मंच पर चढ़ते समय मोदी ने संजय निषाद को तवज्जो भी दी। पिछड़ा वर्ग के संजय निषाद का आधार भी ओबीसी निषाद समुदाय के बीच गहरा है। संजय निषाद और उनके भाजपा से सांसद पुत्र डॉ प्रदीप निषाद ने भी मंच से संबोधित किया। डॉ. संजय निषाद की पार्टी का निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, मांझी, गोंड सहित करीब 22 उप जातियों में खासा प्रभाव है।
पीएम डॉ. संजय निषाद से गर्मजोशी से मिले

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद से गर्मजोशी से मुलाकात की। डॉ. निषाद ने पीएम का अभिवादन किया। इस पर पीएम ने उनका हाथ पकड़ कर पीठ पर हाथ फेरा। अपने संबोधन में पीएम ने डॉ. निषाद का नाम लिया। डॉ. निषाद ने कहा कि खाद कारखाने के पहली बार निर्माण में 34 गांव की जमीन अधिग्रहित की गई था। उन गांवों के युवाओं को रोजगार की दरकार है। उन्होंने नवनिर्मित फर्टिलाइजर में स्थानीय युवाओं को रोजगार की वकालत की।

Back to top button