विश्वनाथ धाम : 352 साल बाद विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा बना ज्ञानवापी कूप

वाराणसी।  
काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र का सिर्फ भूगोल ही नहीं बदला है, इतिहास ने भी खुद को दोहराया है। 352 वर्षों के लंबे अंतराल तक काशी के प्रधान शिवालय से बाहर रहने के बाद अंतत: ज्ञानवापी कूप काशी विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा हो गया है। पूर्व में यह कूप आदिविश्वेश्वर मंदिर परिसर का हिस्सा था।

विश्वनाथ धाम निर्माण के तहत मुख्य परिसर का विस्तारीकरण पूरा होने के साथ इतिहास पुन: वर्तमान में घटित हुआ। ज्ञानवापी कूप अब गर्भगृह के चारों ओर बनाए गए परिक्रमा पथ के अंदर शामिल कर लिया गया है। इसके लिए 80 फीट लंबे और 40 फीट चौड़े परिक्रमा पथ की डिजाइन में थोड़ा बदलाव किया गया। गर्भगृह के उत्तर स्थित ज्ञानवापी मंडप के पास परिक्रमा पथ की गैलरी में लगे नक्काशीदार खंभों को उत्तर की ओर बढ़ा दिया गया। पूरे परिक्रमा पथ के निर्माण में 157 जोड़ी खंभे नटबोल्ट पर कसे गए हैं। बुधवार दोपहर कूप के जगत और कूप के चारों ओर बना पत्थर का घेरा पुरानी चमक पा गया। वैज्ञानिक विधि से जगत और घेरे की सफाई के बाद अब कूप की साज-सज्जा शुरू हो गई है।

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