आबकारी नीति में आमूल-चूल परिवर्तन करने जा रही राज्य सरकार
भोपाल
राज्य सरकार प्रदेश की आबकारी नीति में आमूल-चूल परिवर्तन करने जा रही है। प्रदेश के आदिवासी अंचलों के रहवासियों की आमदनी बढ़े इसके लिए उन्हें इस व्यवसाय से जोड़ने का प्रावधान नई नीति में किया जाएगा वहीं आबकारी दुकानों के ठेके आसानी से हो सके इसके लिए मौजूदा व्यवस्था में भी और बदलाव किया जाएगा। आबकारी नीति में बदलाव के लिए मंथन कर अनुशंसाएं करने पांच मंत्रियों को जिम्मेदारी सौपी गई है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति के संबंध में अनुशंसाए प्रस्तुत करने एक पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद समिति का गठन किया है। इस समिति में गृह, जेल, संसदीयकार्य, विधि एवं विधायी तथा जलसंसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, वाणिज्य कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी को शामिल किया गया है। प्रमुख सचिव वाणिज्य कर इस समिति के सचिव होंगे।
शराब ठेकेदारों के सिंडिकेट पर भी शिकंजा कसा जाएगा। शराब ठेकेदार समूह बनाकर एकराय होकर ठेकों के लिए कम बोली लगाते हैं। इससे प्रतिस्पर्धा नहीं हो पाती है। इसलिए शराब ठेकों में ज्यादा से ज्यादा ठेकेदारों को शामिल होने का मौका मिले और प्रतिस्पर्धा बढ़े इसकी व्यवस्था नई आबकारी ठेका प्रणाली में किया जाएगा। मंत्री समूह इसी महीने इसके लिए मंथन करने जा रहा है ताकि नये बजट से पहले इस पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जा सके और अगले शराब ठेके इसी प्रक्रिया से हों।
ग्रामीण अंचलों, जंगलों के करीब रहने वाले आदिवासियों की आमदनी बढ़े इसलिए उन्हें महुए से देशी शराब तैयार करने के काम से जोड़ा जाएगा। इसके लिए हेरिटेज शराब नीति बनेगी। इससे अवैध शराब की बिक्री को रोका जा सकेगा और आदिवासी परिवारों की आमदनी भी बढ़ेगी। इन परिवारों द्वारा तैयार शराब को टैक्स फ्री करने पर भी मंथन किया जाएगा। इसे अन्य राज्यों में भेजने के लिए इसकी बाटलिंग और विक्रय की नीति भी बनेगी।