महाबोधि मंदिर परिसर को दहलाने की साजिश रचने वाले 8 दोषी करार

पटना
बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में बम प्लांट कर धमाके की साजिश रचने के मामले में शुक्रवार को पटना एनआईए कोर्ट ने आठ को दोषी करार दिया है। सभी ने एनआईए कोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार किया है। दोषियों ने महाबोधि मंदिर में बम प्लांट करने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि वे बहकावे में आ गए थे, जिससे इस प्रकार की गलती हो गयी।

उल्लेखनीय है कि 19 जनवरी 2018 को बोध गया स्थित महाबोधि मंदिर के कालचक्र मैदान में प्लांट तीन आईईडी बम बरामद हुए थे। वहीं, एक बम कालचक्र के पास स्थित किचन से बरामद किया गया था। आरोपितों के दोष स्वीकार के आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई करने के बाद एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने उन्हें महाबोधि मंदिर में बम प्लांट करने समेत विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया है।

विशेष कोर्ट ने सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। इस कांड में नौ आरोपितों के खिलाफ पटना एनआईए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। नौ आरोपितों में आठ दिलावर हुसैन, अहमद अली उर्फ कालू, मुश्तफीजुर रहमान उर्फ शाहिन, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख, नूर आलम, आरिफ हुसैन, मोहम्मद आदिल शेख और पैगम्बर शेख ने अपना दोष स्वीकार कर लिया, जबकि एक आरोपित जेहादुल इस्लाम ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया। अब इसके मामले की अलग से सुनवाई होगी।

इससे पूर्व इस कांड के सभी आरोपितों को बेऊर जेल से कड़ी सुरक्षा में एनआईए कोर्ट में पेश किया गया था। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों की कथित प्रताड़ना का बदला लेने के लिए बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमाएत-उल-मुजाहिदीन के सरगना जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर ने पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद में रह रहे संगठन के सदस्यों के साथ मिलकर बोधगया में बम ब्लास्ट की साजिश रची थी।

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