महाशिवरात्रि पर बन रहा शिव योग का अद्भुत संयोग, नोट कर लें महादेव की पूजन के शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

 नई दिल्ली

महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का पर्व है। दक्षिण भारतीय पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। उत्तर भारतीय पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। दोनों पंचांग में सिर्फ महीनों के नाम का अंतर है, क्यूंकि दोनों ही पंचांग में महाशिवरात्रि एक ही दिन मनाई जाती है। इस साल महाशिवरात्रि 1 मार्च, मंगलवार को है।

महाशिवरात्रि पर बन रहा ये शुभ योग-

महाशिवरात्रि पर सुबह 11 बजकर 18 मिनट कर परिघ योग रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में इस योग के दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। इसके बाद शिव योग लग जाएगा। शिव के दौरान किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होने की मान्यता है। मान्यता है कि शिव योग में भगवान शंकर की विधि-विधान के साथ पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
 

चतुर्दशी तिथि 1 मार्च को कब शुरू होगी-

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 01, 2022 को 03:16 ए एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – मार्च 02, 2022 को 01:00 ए एम बजे तक।

 

महाशिवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त    05:07 ए एम से 05:57 ए एम तक    
प्रातः सन्ध्या    05:32 ए एम से 06:46 ए एम तक
अभिजित मुहूर्त    12:10 पी एम से 12:57 पी एम तक
विजय मुहूर्त    02:29 पी एम से 03:16 पी एम तक
गोधूलि मुहूर्त    06:09 पी एम से 06:33 पी एम तक    
सायाह्न सन्ध्या    06:21 पी एम से 07:35 पी एम तक
अमृत काल    06:03 पी एम से 07:33 पी एम तक    
निशिता मुहूर्त    12:08 ए एम, मार्च 02 से 12:58 ए एम, मार्च 02।

 

महाशिवरात्रि व्रत पूजा विधि-

1. मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि जालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
2. महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।
3. शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का पूजा निशील काल में करना उत्तम माना गया है। हालांकि भक्त अपनी सुविधानुसार भी भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।

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