बिना UPSC के अफसर, 10 पदों के लिए सरकार को मिले 6,000 आवेदन

नई दिल्ली
केंद्र सरकार द्वारा प्राइवेट सेक्टर के लोगों के लिए निकाले गए जॉइंट सेक्रटरी के 10 पदों पर 6,000 से ज्यादा आवेदन आए हैं। सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की प्रतिभाओं को मौका देने के उद्देश्य से इन पदों पर आवेदन मांगे थे। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने लैटरल एंट्री के तहत जॉइंट सेक्रटरी के 10 पदों पर नियुक्ति की घोषणा की थी। इसके तहत प्राइवेट सेक्टर के लोग अनुबंध के तहत सरकार से जुड़ सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक इन पदों के लिए 6,077 आवेदन मिले हैं।

जॉइंट सेक्रटरी के ये पद राजस्व, वित्तीय सेवाओं, इकनॉमिक अफेयर्स, कृषि, किसान हित, सड़क एवं परिवहन, जहाजरानी, पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, विमानन और वाणिज्य विभाग में हैं। इसके लिए आवेदन की आखिरी तारीख 30 जुलाई थी।

एक अधिकारी ने बताया, 'केंद्र सरकार ने आवेदकों को शॉर्ट लिस्ट करने का काम शुरू कर दिया है।' सामान्य तौर पर जॉइंट सेक्रटरी के इन पदों पर UPSC के माध्यम से चुनकर आने वाले IAS, IPS, IFS, IRS नियुक्त होते हैं। मनमोहन सिंह सरकार में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी लैटरल एंट्री के माध्यम से ही नियुक्त हुए थे। पिछले महीने सरकार ने संसद में कहा कि इस तरह की नियुक्तियों से प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

लोकसभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नई प्रतिभाओं को मौका देने और मैनपावर का सही इस्तेमाल करने के उद्देश्य से लैटरल एंट्री के तहत नियुक्तियां की जा रही हैं। पहले भी ऐसा किया जा चुका है। उन्होंने कहा, 'मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, विजय केलकर, बिमल जालान, शंकर आचार्य, राकेश मोहन, अरविंद वीरमणि, अरविंद पनगड़िया, अरविंद सुब्रमण्यन और वैद्य राजेश कटोच की भी नियुक्ति इसी तरह हुई थी। इसका कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।' केलकर वित्त सचिव रह चुके हैं। विमल जालान आरबीआई गवर्नर थे, राकेश मोहन डेप्युटी RBI गवर्नर थे और आचार्य, वीरमणि, सुब्रमण्यन आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं। अरविंद पनगड़िया नीति आयोग के वाइस चेयर मैन रह चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button