मच्छरों से होती हैं कई बीमारियां

मच्छरों को दूर रखने के लिए समय-समय पर घर की साफ सफाई बेहद जरूरी है। खासकर, अगर आपके घर के आसपास पानी जमा है तो उसे हटाना आवश्यक है। मच्छरों के काटने से कई तरह की बीमारियां होती हैं जिनमें डेंगू, मलेरिया आम हैं। लेकिन डेंगू-मलेरिया के अलावा भी कई घातक बीमारियां मच्छरों के कारण होती हैं। आइए, जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जो मच्छर के काटने से होती हैं…

जीका
जीका के ज्यादातर मामलों में शुरुआत में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं इसलिए इसे पकड़ पाना मुश्किल होता है। आंखों का लाल होना, बुखार, जोड़ों का दर्द इसके लक्षण हैं। गर्भवती महिलाओं और शिशुओं पर इसका ज्यादा खतरा होता है। इस बीमारी के कारण शिशुओं के दिमाग पर असर पड़ता है और उनके सिर का आकार भी छोटा रह जाता है। यह बीमारी दक्षिण पूर्व एशिया, ब्राजील, कैरीबियाई देश और दक्षिण और मध्य अमरीका में ज्यादा फैलती है।

वेस्ट नाइल
इस वायरस वाले मच्छर के काटने पर अक्सर कोई लक्षण नहीं उभरते हैं। हालांकि, कई बार बुखार, डायरिया, जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं। बीमारी बढ़ने पर कुछ मामलों में मेनन्जाइटिस और इंसेफ्लाइटिस जैसे ब्रेन इन्फेक्शन भी हो सकते हैं।

येलो फीवर
इस बामारी में पीलिया जैसे लक्षण दिखते हैं। त्वचा और आंखों में पीलापन आ जाता है। कुछ मरीजों को कमर दर्द, उल्टियां और सिरदर्द भी हो सकता है। अगर आप लैटिन अमरीका या अफ्रीका जैसे देश की यात्रा कर रहे हैं जहां यह बीमारी आम है तो इसका टीका लगवाना न भूलें।

मलेरिया
यह मच्छरों से होने वाली सबसे आम बीमारी है। उल्टी, ठंड लगना और सिरदर्द इसके लक्षण हैं। मलेरिया के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं। इससे बचने के लिए मच्छरों से अपना बचाव करें।

चिकनगुनिया
चिकनगुनिया एक बार हो जाए तो इसे ठीक होने में काफी समय लगता है। ज्यादातर यह बीमारी एशिया, अमरीका और यूरोप में होती है। 'चिकनगुनिया' शब्द अफ्रीकी भाषा से आया है जो दर्द से बनने वाले शरीर के टेढ़े आकार की ओर संकेत करता है। सिरदर्द, चक्कर, और उल्टी इस बीमारी के आम लक्षण होते हैं।

डेंगू
डेंगू वाले मच्छर के किसी इंसान को काटने के बाद डेंगू का वायरस इंसान के ब्लड में 2-7 दिनों तक रहता है। इस बीमारी में मसूड़ों से खून निकलता है। शरीर पर दाने, सिरदर्द और बुखार होता है। वैसे तो डेंगू बुखार तकरीबन 7-10 दिनों तक बना रहता है और अपने आप ठीक हो जाता है और बुखार से प्रभावित कुल लोगों में से 10 फीसदी को ही हॉस्पिटल ले जाने की जरूरत होती है। लेकिन स्थिति गंभीर होने पर समय पर इलाज न हो तो यह बीमारी जानलेवा हो सकती है।

ला क्रॉस इंसेफलाइटिस
यह वायरस फैलाने वाला मच्छर दिन के समय में काटता है। आमतौर पर यह बीमारी बसंत के मौसम में मध्य अटलांटिक में फैलती है।

रिफ्ट वैली फीवर
डॉक्टरों ने इस बीमारी का सबसे पहले केन्या में पता लगाया था। मच्छरों से यह बीमारी इंसानों और जानवरों में फैलती है। रिफ्ट वैली फीवर अफ्रीका, यमन और सऊदी अरब में आम है। इससे आंखों को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा कमजोरी महसूस होती है।

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