बायो-जेट फ्यूल से उड़ने वाली भारत की पहली कंपनी बन सकती है Spicejet

 मुंबई
 स्पाइसजेट भारत में बायोजेट फ्यूल से विमान उड़ाने वाली पहली एयरलाइन कंपनी बन सकती है। कंपनी जल्द ही इस फ्लाइट का डेमो देने जा रही है। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सिर्फ सरकार की तरफ से आधिकारिक मंजूरी बाकी है।

2008 में उड़ी थी पहली बायो-जेट फ्यूल उड़ान
किसी कमर्शियल एयरलाइन द्वारा सबसे पहले 24 फरवरी, 2008 को बायोजेट फ्यूल का इस्तेमाल किया गया था। वर्जिन अटलांटिक की फ्लाइट ने इस दिन बायो-जेट फ्यूल की मदद से लंदन के हीथ्रो से एम्सटर्डम के बीच उड़ान भरी थी। इस फ्लाइट के लिए इस्तेमाल होने वाले बायो-जेट फ्यूल को ब्राजील के कोकोनट्स एवं बाबास्सु नट्स के मिक्सचर से बनाया गया था। बायो-जेट के इस्तेमाल से लंबी दूरी तय करने वाले पहला विमान क्वांटस प्लेन था। सरसों के इस्तेमाल इस बायो-जेट फ्यूल का निर्माण किया गया था। 30 जनवरी, 2018 को यह फ्लाइट आस्ट्रेलिया से अमेरिका के बीच उड़ान भरी थी।

कैसे बनता है बायो-जेट फ्यूल
बायो-जेट फ्यूल का उत्पादन विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पादों की मदद से हो सकता है। इनमें तिलहन फसल, गन्ना व इस प्रकार के अन्य उत्पाद शामिल हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक गन्ने से अन्य उत्पादों के मुकाबले बायो-जेट फ्यूल आसानी से अधिक मात्रा में बनाए जा सकते है।

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