स्तर जिले के विधान सभा क्षेत्रों के लिए मतदान 12 नवंबर को, आदर्श आचरण संहिता तत्काल प्रभावशील

जगदलपुर
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2018 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता तत्काल प्रभावशील हो गई है। जिले के विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव हेतु 16 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की जायेगी। नामंाकन की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर निर्धारित की गई है तथा नाम वापसी की अंतिम तिथि 26 अक्टूबर रखी गई है। मतदान 12 नवम्बर को होगा और मतगणना 11 दिसम्बर को की जाएगी। विधानसभा चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया 13 दिसम्बर तक पूर्ण होगी।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ. अय्याज तंबोली ने सभी शासकीय सेवकों, राजनैतिक दलों को आदर्श आचरण संहिता का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी कर्मी निष्पक्ष रहें और निष्पक्ष भाव से चुनाव कार्य संपादित करें।

किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे। जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाय, तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए, यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो, अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता प्रमाणित न हुई हो या तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों पर आधारित हो। मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को झण्डा खड़ा करने, बैनर टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी सहमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप में प्रश्न पूछ कर या अपने दल के परचे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं करना चाहिए, किसी दल द्वारा जूलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाने चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हों, एक दल द्वारा निकाले गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता द्वारा हटाये नहीं जाने चाहिए।                                                            

सभाएं- राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में सक्षम अधिकारी से पूर्व से ही उपयुक्त समय पर अनुमति लेनी चाहिए ताकि उनके द्वारा यातायात को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा सके।

राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को उस दशा में पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस स्थान पर जहां सभा करने का प्रस्ताव है, कोई निर्बन्धात्मक या प्रतिबंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा) लागू तो नहीं है, यदि ऐसे आदेश लागू हों तो उनका कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए, यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट अपेक्षित हो तो उनके लिए समय से आवेदन करना चाहिए और छूट प्राप्त कर लेनी चाहिए।

यदि किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउडस्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिए अनुमति या अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) प्राप्त करनी हो तो दल या अभ्यर्थी को संबंधित अधिकारी के पास काफी पहले ही आवेदन करना चाहिए और इसकी अनुमति या अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लेनी चाहिए।

किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सभा में विघ्न डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैेलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करें। आयोजकों को चाहिए कि वे स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही न करें।

जुलूस- जुलूस का आयोजन करने वाले दल या अभ्यर्थी को पहले ही यह बात तय कर लेनी चाहिए कि जुलूस किस समय और किसस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जायेगा और किस समय और किस स्थान पर समाप्त होगा, सामान्यतः कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं होनी चाहिए।आयोजकों को चाहिये कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों से अनुमति लें ताकि वे आवश्यक व्यवस्था कर सकें। आयोजकों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि जिन इलाकों से होकर जूलूस गुजरना है उनमें कोई निर्बंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा) तो लागू नहीं है, जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष रूप से छूट न दे दी जाए, उन निर्बंधनों का पालन करना चाहिए, यातायात के नियमों और निर्बंधनों का भी ध्यानपूर्वक पालन करना चाहिए।

आयोजकों को चाहिए कि जुलूस का इंतजाम ऐसे ढंग से किया जाये जिससे कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किये बिना जुलूस का निकलना संभव हो सके यदि जुलूस बहुत लंबा है तो उसे उपयुक्त लंबाई वाले टुकड़ों में संगठित किया जाना चाहिए ताकि सुविधाजनक अंतरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर जहां जुलूस को चैराहों से होकर गुजरना है, रूके हुए यातायात के लिए समय-समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा जा सके। जुलूसों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जहां तक हो सके उन्हें सड़क की दायी ओर रखा जाए और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए।

 

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