युवाओं को जागरूक करने के लिए नोएडा प्रशासन ने छेड़ी मुहिम
नई दिल्ली
यूपी की नोएडा प्रशासन ने युवाओं को जागरूक करने के लिए एक मुहिम शुरू की है. यह मुहिम नोएडा के प्राइवेट स्कूलों, कॉलेज और गांवों में युवाओं के मन को सेहतमंद बनाने के लिए शुरू की गई है.
इसके लिए नुक्कड़- नाटक का सहारा लिया जा रहा है. इस मुहिम के तहत स्कूली बच्चे नोएडा, ग्रेटर नोएडा के गांवों, स्कूलों में जाकर नोएडा वासियों को मानसिक बीमारियों से लड़ने का गुर सिखा रहे हैं. इतना ही नहीं बुराड़ी के सामूहिक आत्महत्या कांड से सबक लेते हुए लोगों को फर्जी बाबाओं के जाल से भी बचा रहे हैं. इसके अलावा गुड टच और बैड टच की जानकारी भी स्ट्रीट प्ले के ज़रिए दी जा रही है.
गौतम बुद्ध नगर के डीएम बीएन सिंह ने बताया, “स्वस्थ मन की तलाश में चलाए जाने वाले इस अभियान में युवाओं में बढ़ रहे डिप्रेशन और शराबखोरी पर वार किया जा रहा है. युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है कि वो मानसिक बीमारियों के बारे में खुलकर बात कर सकें. युवाओं में बढ़ते अवसाद की सबसे बड़ी वजह है, उनका घर के लोगों से ज्यादा बातचीत ना करना. बच्चे-बुजुर्गों से बात नहीं करते हैं. नोएडा प्रशासन और एक नामी यूनिवर्सिटी की इस मुहिम में प्रोफेसर, डॉक्टर के साथ सायकायट्रिस्ट भी शामिल हैं, जिनका सबसे बड़ा मकसद नोएडा को स्वास्थ्य मन में नंबर-1 बनाना है.
साइकोलॉजी की सीनियर प्रोफेसर आभा सिंह ने बताया कि मुहिम ने युवाओं में कितना डिप्रेशन खत्म किया और उनका मन कितना स्वस्थ हुआ इसकी रिपोर्ट शहर के स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ ही WHO को भी भेजी जाएगी. अछेजा गांव के प्रधान देवेंद्र और दादरी एमबी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल ने बताया कि इलाके के लोगों को जमीन में काफी पैसा मिला लेकिन उसका सदुपयोग न करके युवा भटक गए और शराब पीने लगे.
सीनियर साइकॉलाजिस्ट रोमा कुमार ने बताया कि युवा इस वक्त डिप्रेशन और शराब की गिरफ्त में हैं. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते खुदकुशी के मामले इसे सुसाइड कैपिटल बना रहे हैं. लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं में बढ़ते तनाव की वजह वो खुशी है जो वो पाना चाहते हैं. साइकॉलजिस्ट रोमा कुमार मानती हैं कि जन्म लेते ही बच्चे सोशल मीडिया और यू-ट्यूब पर आ जाते हैं और यही इंटरनेट का वर्चुअल संसार अवसाद की सबसे बड़ी वजह है.