राष्ट्रीय टेनिस में लगातार दूसरे साल इंदौर की ‘महक’

इंदौर
11वीं में पढ़ने वाली स्कूली लड़की, उम्र 17 साल…इस उम्र में भारतीय खिलाड़ी स्वयं से अधिक उम्र के खिलाड़ियों से सीखने के दौर से गुजरते हैं। मगर इंदौर की महक जैन ने छोटी उम्र में खुद से बड़ी खिलाड़ियों को हराते हुए दिल्ली में राष्ट्रीय सीनियर महिला टेनिस चैंपियन होने का गौरव हासिल किया। यह उपलब्धि इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि महक ने दो अलग-अलग टूर्नामेंट में एक साथ खेलते हुए सफलता हासिल की।

मध्यप्रदेश के इतिहास में महक से पहले कोई भी टेनिस खिलाड़ी राष्ट्रीय सीनियर चैंपियन नहीं बना। महक ने पिछले साल 16 साल की उम्र में यह खिताब जीतते हुए कीर्तिमान रचा था और अब खिताब बरकरार भी रखा। डेली कॉलेज में पढ़ने वाली महक ने फाइनल में गोवा की नताशा पल्हा को 6-1, 6-2 से पराजित किया। जीत से महक को तीन लाख की पुरस्कार राशि मिली। जूनियर वर्ग में जूनियर वर्ग (अंडर-18) में इंदौर की ही रश्मिका श्रीवल्ली उपविजेता रहीं।

फाइनल में हैदराबाद की हुमेरा शेख ने रश्मिका को 6-2, 6-4 से हराया। कोच साजिद लोदी ने बताया कि महक दिल्ली में दो टूर्नामेंट एक साथ खेल रही थी। राष्ट्रीय स्पर्धा आरके खन्ना स्टेडियम में हो रही थी जबकि मॉर्डन स्कूल, बाराखंभा में आईपीएससी टूर्नामेंट में भी डेली कॉलेज का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। इस टूर्नामेंट में देश के नामी स्कूल खेलते हैं। दोनों टूर्नामेंट का स्थान अलग होने से महक को एक जगह मैच खेलकर दूसरी जगह दौड़ना होता था। इससे होने वाली थकान का असर शरीर पर होता ही है। मगर महक स्कूली टूर्नामेंट में भी शहर की पान्या भल्ला के साथ फाइनल में पहुंच चुकी हैं।

रणनीति के साथ उतरी मुझे उम्मीद थी फाइनल कठिन होगा, क्योंकि नताशा ने शीर्ष वरीय जील देसाई को हराया था। मैं अपनी रणनीति के साथ उतरी थी, जिससे मुकाबला मेरे लिए आसान रहा। -महक जैन

शुरू से यकीन था मुझे शुरू से ही यकीन था कि महक जीतेगी क्योंकि वह पिछले साल की तुलना में इस बार बेहतरीन फॉर्म में है। देश की अन्य खिलाड़ियों की तुलना में महक का खेल बहुत अच्छा है। -साजिद लोदी (कोच)

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