जानें आचार संहिता क्या है, राजनेताओं पर रहेगी ये पाबंदी
भोपाल
आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होते ही ऐसे कई काम हैं, जो अब राजनेता नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और सरकार में बैठे अन्य नेता व कर्मचारी सरकारी वाहनों सहित अन्य सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। सरकार का नीतिगत काम भी अब दो महीने रुका रहेगा। इसके अलावा नेताओं और अधिकारियों पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए गए हैं।
ये होता है आचार संहिता का प्रभाव
– सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकेगी। कोई नई घोषणाएं नहीं हो सकतीं।
– सभी सरकारी अधिकारी-कर्मचारी चुनाव आयोग के पास प्रतिनियुक्ति पर माने जाते हैं।
– राजनीतिक दल घोषणा पत्र के जरिए चुनावी वादे कर सकते हैं।
– सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दलों के किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान या प्रचार में भाग नहीं ले सकते।
– केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री चुनावी क्षेत्रों में कोई शासकीय दौरा नहीं कर सकेंगे।
– मंत्री पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार करते हैं तो पुलिस का काम केवल कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना है।
– जिन अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है, उन्हें छोड़कर कोई अन्य राजनीतिक आयोजनों में नहीं जा सकते।
– स्थानीय निकायों सहित अन्य चुनाव नहीं हो सकते।
– राजनेता अब स्थानीय निकायों, शासकीय उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं के वाहनों का उपयोग नहीं कर सकते।
– विधायक या सांसद निधि से अनुदानों की स्वीकृति नहीं दे सकते।
– किसी परियोजना का शिलान्यास या लोकार्पण नहीं हो सकता।
– किसी भी तरह की सुविधा देने की घोषणा या आश्वासन नहीं दिया जा सकता।
– सरकार में या सार्वजनिक उपक्रमों में नियुक्ति नहीं हो सकती।
– सरकारी विमान, वाहनों या अन्य सरकारी मशीनरी का उपयोग नहीं किया जा सकता।
– मतदाताओं को किसी तरह की वित्तीय मदद करना या साड़ी, धोती आदि बांटना घूस मानी जाएगी।
– रात दस बजे से सुबह छह बजे तक लाउड स्पीकर पर रोक रहेगी।