चीनी उद्योग की मदद के लिए मोदी सरकार ने दिया 8,000 करोड़ का पैकेज

नई दिल्ली 
गन्ना किसानों और चीनी मिलों को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उर्वरक मंत्री रामविलास पासवान ने कैबिनेट के फैसले के बारे में बताते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस पैकेज में 1175 करोड़ रुपये चीनी मिलों को स्टॉक रखने के एवज में दिए जाएंगे। पासवान ने कहा कि चीनी मिलों को सहायता दिए जाने से वह किसानों के बकाये का भुगतान करने में सक्षम हो सकेंगी। 

पासवान ने कहा, 'चीनी की हमारी हर साल 250 लाख टन खपत है, लेकिन इस साल उत्पादन 315 लाख टन के करीब है। इसके अलावा 39 लाख टन का पिछला स्टॉक है। इस तरह हमारे पास बड़ी मात्रा में सरप्लस है। इसलिए कीमतों में कमी आई है। फिलहाल यह कीमत 26 से 28 रुपये के बीच चल रही है।समस्या यह है कि विदेश में भी कीमत 24 से 25 रुपये ही है, ऐसे में एक्सपोर्ट भी नहीं किया जा सकता।' 

ऐसी स्थिति में चीनी मिल मालिकों का कहना है कि यदि हम लागत से कम में चीनी बेचेंगे तो किसानों को क्या देंगे। अब हमने मिल-बैठकर एक रास्ता निकाला है। पहले हमने एक पैकेज दिया था, जिसमें 5 रुपये 50 पैसे प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी थी। इसके तहत कुल 1540 करोड़ रुपये दिए गए थे। अब उन्हें चीनी मिल मालिकों को स्टॉक रखने को कहा जाएगा और उसकी भरपाई सरकार करेगी। अब हमने 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने का फैसला लिया गया है। इस चीनी को मिलें अपने भंडारण में रखेंगी। उन्हें चीनी स्टॉक रखने के एवज में भारत सरकार 1175 करोड़ रुपये देगी। 

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