हैदराबाद के मोती की अमरीका, यूरोप में डिमांड बढ़ी

 नई दिल्ली
 सिटी ऑफ पर्ल कहलाने वाला हैदराबाद भारत से बाहर विदेश में भी खासा लोकप्रिय होता जा रहा है। यहां के प्रोसैस्ड मोतियों की अमरीका, यूरोपीय देश, हांगकांग आदि देशों में अ'छी डिमांड है। इसके चलते यहां के टोटल प्रोडक्शन का लगभग 20-25 प्रतिशत मोती एक्सपोर्ट हो रहा है। पर्ल कारोबारियों के मुताबिक इस साल डोमैस्टिक लेवल पर बिजनैस में 10 प्रतिशत की ग्रोथ भी दिख रही है।

हैदराबाद को मोतियों की प्रोसैसिंग और पर्ल ज्वैलरी के हब के तौर पर जाना जाता है। यहां भारत के तूतीकोरिन के अलावा जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस और वेनेजुएला से आता है। हैदराबाद में मोतियों की ड्रिलिंग, क्लीनिंग, पॉलिशिंग यानी पूरी प्रोसैसिंग होती है। यहां पर्ल ज्वैलरी बिजनैस से लगभग 100 से ज्यादा कारोबारी जुड़े हैं। कीमत की बात करें तो हैदराबाद में पर्ल ज्वैलरी की कीमत 1000 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक जाती है। इसमें सिंगल पर्ल ज्वैलरी से लेकर पर्ल स्टडेड गोल्ड स्टडेड ज्वैलरी भी आती है।

साल-दर-साल बढ़ रहा बिजनैस 
हैदराबाद के मंगतराय ज्वैलर्स के प्रोपराइटर दर्शन गुप्ता ने बताया कि इस साल बिजनैस में पिछले साल से 10 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी है। हैदराबाद के टूरिस्ट स्पॉट होने का भी बिजनैस को फायदा मिलता है। अमरसन्स पल्र्स एंड ज्यूल्स के एम.डी. विजय दोचनिया के मुताबिक पिछले 10 सालों की बात करें तो इंडस्ट्री ने अभी तक गिरावट नहीं देखी है। बिजनैस साल-दर-साल बढ़ रहा है और आगे भी इसके अच्छा रहने की उम्मीद है।

प्रोडक्शन का लगभग 20-25 प्रतिशत हो जाता है एक्सपोर्ट
दोचनिया के मुताबिक हैदराबाद से हांगकांग, अमरीका, यूरोपीय देश आदि जगहों पर पर्ल व पर्ल ज्वैलरी का एक्सपोर्ट होता है। सिंगल पर्ल ज्वैलरी के अaलावा पर्ल स्टडेड गोल्ड ज्वैलरी भी एक्सपोर्ट होती है। टोटल प्रोडक्शन का लगभग 20-25 प्रतिशत एक्सपोर्ट हो जाता है। भारत की बात करें तो हैदराबाद से पूरे देश में सप्लाई होती है।

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