मकान बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो जानें लें अभी बिल्डिंग मैटेरियल के दाम  और  बढ़ सकते 

 लखनऊ 
अगर मकान बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो जानें लें अभी बिल्डिंग मैटेरियल के दाम  और  बढ़ सकते हैं। दो हफ्ते के भीतर स्टील 51 हजार रुपये प्रति टन से बढ़कर 55 हजार रुपये प्रति टन हो गया है। इससे सरिया, एंगल, वायर रॉड, चद्दर के दामों में 40 फीसदी से अधिक वृद्धि हुई हैं। स्टेनलेस स्टील की कीमत डेढ़ लाख रुपये प्रति टन हो गई है। कारोबारियों के मुताबिक स्टील निर्माता कंपनियों ने सिंडीकेट बना लिया है और बिना मांग के दाम बढ़ाएं जा रहे हैं। वहीं सीमेंट की बोरी भी 300 रुपये से बढ़कर 350-400 रुपये तक पहुंच गई हैं। 

केंद्रीय बजट में लोहे पर एक्साइज ड्यूटी घट गई थी
पिछले साल मार्च में एक सीमेंट की बोरी 250 से 300 रुपये की थी जो इस समय 350 से 400 रपये तक पहुंच गई है। साधारण सीमेंट भी 260 रुपये से कम नहीं है। मौरंग 53 हजार रुपये प्रति घन मीटर से बढ़कर 54 हजार रुपये प्रतिघन मीटर हो गया है। हालांकि बालू 20 हजार रुपये प्रतिघन मीटर के दाम स्थित हैं। कारोबारियों के मुताबिक लोहा 51 हजार रुपये प्रति टन से बढ़कर 55 हजार रुपये प्रतिटन तक पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने बजट में लोहे पर एक्साइज ड्यूटी घटा दी थी, जिसके बाद लोहे के दाम 57 हजार रुपये प्रतिटन से घटकर 51 हजार रुपये प्रतिटन हो गये थे, लेकिन फिर से दाम बढ़कर 55 हजार रुपये प्रतिटन तक पहुंच गया है।  

 स्टील के दाम बढ़ने का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर
आईआईए के सदस्य मान सिंह ने बताया कि स्टील के दाम बढ़ने का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर, ऑटो स्पेयर पार्ट्स, भवन निर्माण सामग्री और इंडस्ट्री के प्रोडक्शन पर पड़ रहा है। ऑटो स्पेयर पार्ट्स कारोबारी साहिब सिंह ने बताया कि तमाम तरह के ऑटो पार्ट्स, गाड़ियों के कलपुर्जे, स्कूटर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर में स्टील का प्रयोग होता है। उन्होंने बताया कि सरकार को स्टील के दामों पर नियंत्रण रखना चाहिए। लखनऊ साइकिल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन अरोड़ा ने बताया कि स्टील व लोहे सहित अन्य कच्चा माल महंगा होने से साइकिल के दाम भी बढ़ गये हैं। पिछले 15 दिनों में साइकिल की कीमतों में 500 रुपये से लेकर 700 रुपये तक की वृद्धि हुई हैं।

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