भारत-पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ स्तर की बातचीत, जारी रहेगा ऑपरेशन ऑल आउट

नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से सीजफायर को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई गई। भारतीय सेना उम्मीद कर रही है कि पाकिस्तान इसे तोड़ेगा नहीं लेकिन अगर ऐसा हुआ तो भारत भी जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। सेना के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक सीजफायर दोनों देशों के हित में है। लेकिन सीजफायर का असर आतंकियों के सफाए पर नहीं पड़ेगा। भारतीय सेना आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन ऑल आउट जारी रखेगी।

22 फरवरी को हुई बात
भारतीय सेना सूत्रों के मुताबिक 22 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के डीजीओएम (Diector General of Military Operations) के बीच बातचीत हुई। जिसमें सीज फायर सही से लागू करने पर सहमति बनी। एक अधिकारी के मुताबिक दोनों देशों के डीजीएमओ ऑफिस नियमित तौर पर हॉट लाइन के जरिए संपर्क में हैं। हर मंगलवार को ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारियों के बीच बातचीत होती है और जब भी जरूरत पड़ती है तो डीजीएमओ बात करते हैं।

क्या पाक पर कर सकते हैं भरोसा?
2018 में भी भारत और पाकिस्तान डीजीएमओ की बातचीत में सीजफायर लागू करने पर बात हुई थी लेकिन पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन जारी रखा। क्या पाकिस्तान पर भरोसा किया जा सकता है? सेना के एक अधिकारी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान आतंकियों को सपोर्ट देना बंद करेगा। हालांकि पाकिस्तान के साथ अनुभव कड़वा रहा है। आतंकी हरकतों की वजह से या फिर पाकिस्तानी सेना की भड़काऊ हरकतों से शांति प्रक्रिया बार बार पटरी से उतरी है।

सेना के अधिकारी ने कहा कि हम किसी भी हालत से निपटने को तैयार है। हम उम्मीद कर रहे हैं लेकिन साथ ही सतर्क भी हैं। एलओसी पर शांति से दोनों देशों का ही फायदा है। सेना सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान भारत के खिलाफ छद्म युद्ध रोकेगा ऐसा लगता नहीं हैं। अभी भी लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहे हैं। हथियारों की तस्करी की लगातार कोशिशें हो रही हैं। हालांकि हम उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तान हमारी चिंता को देखेगा और हल निकालेगा।

एलओसी से सैनिक कम करने का प्रस्ताव नहीं
सेना सूत्रों के मुताबिक लाइन ऑफ कंट्रोल से सैनिक कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि चौकसी में कोई कमी आएगी। सेना के अधिकारी के मुताबिक सेना आतंकियों के खिलाफ अपना अभियान भी जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि आतंकियों की घुसपैठ चिंता का मुख्य मुद्दा है क्योंकि ज्यादातर आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश में ही सीजफायर का उल्लंघन होता है। अगर पाकिस्तान की तरफ से कोई गलत हरकत होती है तो भारतीय सेना जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि घाटी में हालात इंटरनल सिक्योरिटी पर निर्भर करते हैं। घाटी में स्थिति के हिसाब से सैनिकों की तैनाती का रिव्यू किया जा सकता है।

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