बंद हुई यह टेलीकॉम कंपनी, कर्मचारियों के पास सिर्फ महीनेभर गुजारे का पैसा

मुंबई 
 टैलीकॉम सैक्टर में रिलायंस जियो के आने के बाद कई कंपनियों को प्राइस वॉर का सामना करना पड़ा। उन कंपनियों में से एक है एयरसेल, इस कंपनी का भारत में अच्छा मार्कीट थी। आज यह कंपनी बंद हो चुकी है और इसके यूजर्स दूसरी कंपनियों में कन्वर्ट कर दिए गए हैं। 

कर्मचारियों के पास नहीं है गुजारे के पैसे
कंपनी के बंद होने का सबसे ज्यादा असर कर्मचारियों पर पड़ा है। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक, दिवालिया घोषित हो चुकी एयरसेल के 3000 कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें 12 मार्च के बाद से सैलरी नहीं मिली है। इनके पास कोई काम भी नहीं है। हालांकि, कर्मचारी एक दूसरे के साथ रोजाना वक्त गुजारते हैं। दूसरी कंपनियों में इटंरव्यू के लिए एक दूसरे की मदद करते हैं। कंपनी या अंतरिम रेजॉलूशन प्रफेशनल (IRP) से मिलने वाली जानकारी भी आपस में शेयर करते हैं। एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास अब सिर्फ 2 महीने का खर्च चलाने लायक ही पैसा बचा है।

25% कम सैलरी पर काम करने को मजबूर
एयरसेल में काम करने वाले कर्मचारियों की हालत यह है कि वह मौजूदा सैलरी से 25 फीसदी कम सैलरी पर काम करने को तैयार हैं। एक कर्मचारी ने बताया कि उनके ऊपर 3 बच्चों की जिम्मेदारी है जल्द ही नौकरी नहीं मिली तो वह अपने होम टाउन लौट जाएंगे। दरअसल, बिना कमाई के इस शहर में रहना मुमकिन नहीं है। एयरसेल में दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम उत्तर प्रदेश रीजन के एचआर हेड विवेक कुमार ने बताया, ‘अभी सभी सर्किल में कामकाज बंद है। कई ऑफिस भी बंद कर दिए गए हैं। एयरसेल के कर्मचारियों की हालत बहुत खराब है।’ 

एयरसेल ने सैलरी को लेकर दी सफाई
सैलरी देने के बारे में एयरसेल की ओर से अंतिम आधिकारिक सूचना में बताया गया था कि पेरोल डिपार्टमेंट में स्टाफ की कमी से इसमें देरी हो सकती है। कर्मचारियों को 16 मई को भेजे लेटर में मैनेजमेंट ने लिखा था, ‘अभी पेरोल स्टाफ की कमी है। हम कुछ हायरिंग की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सैलरी में देरी हो सकती है।’ टेलिकॉम कंपनी के एक सीनियर एग्जिक्युटिव ने बताया कि कई लोग अभी भी कंपनी में बने हुए हैं। उनकी मांग है कि एयरसेल उन्हें कम से कम फूड कूपन मुहैया कराए, जिससे वे खाने-पीने और दूसरे जरूरी सामान खरीद सकें। फूड कूपन उनकी सैलरी का पार्ट है। 

एयरसेल की मलेशियाई पैरेंट कंपनी मैक्सिस की ओर से मार्च में बैंकरप्सी के आवेदन के बाद कंपनी की कमान अंतरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल डेलॉयट के पास है। एयरसेल पर 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। सॉल्यूशन के लिए कंपनी की कर्ज देने वालों बैंकों की कमेटी से दो बार बातचीत हुई है। इसमें कर्ज कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से एसेट्स की बिक्री पर चर्चा की गई। इसमें एंटरप्राइज डिवीजन की बिक्री सबसे पहले करने पर भी बात हुई। 

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