श्रीलंका चीन से और 16 हजार करोड़ रुपये का ले रहा है कर्ज,हिंद महासागर में चीन को मिलेगी ताकत

कोलंबो
श्रीलंका ने देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए चीन से फिर 2.2 बिलियन डॉलर (161912080000 रुपये) का नया कर्ज मांगा है। श्रीलंका के मनी एंड कैपिटल मार्केट के मंत्री निवर्द काबराल ने कहा कि अगले दो हफ्तों के भीतर श्रीलंकाई सरकार चीन की सेंट्रल बैंक के साथ 1.5 बिलियन डॉलर के मनी स्वैपिंग की डील भी फाइनल करने जा रही है। श्रीलंका पर चीन का पहले से ही अरबों डॉलर का कर्ज है। जिसके एवज में उसे अपना हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर चीन को सौंपना पड़ा है।

कर्ज से विदेशी मुद्रा की जरूरतों को पूरा करेगा श्रीलंका
एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका की सरकार का दावा है कि चीन से मिलने वाले इस कर्ज को उपयोग विदेशी मुद्रा की जरुरतों को पूरा करने के लिए बफर के रूप में किया जाएगा। श्रीलंका के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जनवरी के अंत में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 4.8 बिलियन डॉलर तक गिर चुका है। इससे पहले साल 2009 में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 4.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचा था।

चीन के कई बैंकों से कर्ज के लिए बात कर रहा श्रीलंका
श्रीलंका के अधिकारियों का कहना है कि उनकी सरकार 700 मिलियन डॉलर के लोन के लिए चाइना डेवलपमेंट बैंक के साथ भी बातचीत कर रही है। इनमें से 200 मिलियन डॉलर चीनी करेंसी यूआन के रूप में मिलेगी। 2005 से 201515 के बीच महिंदा राजपक्षे ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान चीन से अरबों डॉलर का कर्ज लिया था। इस समय वह प्रधानमंत्री हैं,जबकि उनके भाई राष्ट्रपति। ऐसे में वे फिर से कर्ज के लिए चीन की शरण में जाते दिख रहे हैं।

श्रीलंका के कर्ज से भारत-अमेरिका भी परेशान
श्रीलंका को चीन की कर्ज के जाल में उलझते देख भारत समेत कई पश्चिमी देश परेशान हैं। दरअसल इन देशों को डर है कि कहीं चीन कर्ज के एवज में पूरे श्रीलंका पर कब्जा न कर ले। ऐसी स्थिति में हिंद महासागर में चीन को बड़ी ताकत मिल जाएगी। 2017 में श्रीलंका ने 1.4 अरब डॉलर के लोन के बदले अपना हंबनटोटा बंदरगाह ही चीनी कंपनी को सौंप दिया था। जिसके बाद जब भारत ने आपत्ति जताई तो श्रीलंका ने इस पोर्ट का इस्तेमाल मिलिट्री सर्विस के लिए रोक दिया था।

श्रीलंका पर कुल 55 अरब डॉलर का कर्ज
श्रीलंका पर दुनियाभर के देशों का कुल 55 अरब डॉलर का कर्ज है। रिपोर्ट के अनुसार, यह धनराशि श्रीलंका की कुल जीडीपी की 80 फीसदी है। इसमें सबसे अधिक कर्ज चीन और और एशियन डिवेलपमेंट बैंक का है। जबकि इसके बाद जापान और विश्व बैंक का स्थान है। भारत ने श्रीलंका की जीडीपी क 2 फीसदी कर्ज दिया है।

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