एमपीटास के माध्यम से जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 600 करोड़ रूपये के हितलाभ वितरित

भोपाल

जनजाति कार्य विभाग ने योजनाओं में पारदर्शिता लाने एवं हितग्राहियों को त्वरित लाभ दिलाये जाने के मकसद से विभागीय योजनाओं का कम्प्यूटरीकरण किया है। इसके तहत जनजाति समुदाय के प्रत्येक सदस्य के लिये एमपीटास पोर्टल जारी किया गया है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन प्रोफाइल पंजीयन प्रारंभ किया गया है। विभाग ने एमपीटास के अन्तर्गत अब तक लगभग 600 करोड़ रूपये के लाभ हितग्राहियों को सीधे डीबीटी के माध्यम से वितरित किये हैं।

विभाग ने योजनाओं का तुरंत लाभ देने के लिये जून 2018 से जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिये एमपीटास प्रारंभ किया है। हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ ऑनलाइन पेपरलेस मोड में प्रदान किया जा रहा है। इसमें प्रोफाइल पंजीकरण के अन्तर्गत ही सभी हितग्राहियों के डिजीटल जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाने का प्रावधान भी रखा गया है। जनजाति कार्य विभाग ने अब तक 23 योजनाओं को ऑनलाइन किया है, जिसमें छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति, आवास भत्ता, प्रतिभा योजना और आहार अनुदान योजना प्रमुख हैं। विभाग ने इस वर्ष 7 और अन्य योजनाओं को ऑनलाइन किये जाने की योजना बनाई है।

जनजाति वर्ग के प्रोफाइल पंजीकरण अभियान के तहत अब तक 7 लाख 15 हजार से अधिक हितग्राहियों को पंजीयन किया जा चुका है। विभाग ने योजनाओं के कम्प्यूटरीकरण के लिये आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये विभागीय बजट में 8 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है।

बस्ती विकास योजना में 2 करोड़ से अधिक का आवंटन

कार्यालय आयुक्त जनजाति विकास ने बस्ती विकास योजना में उमरिया, सिंगरौली, जबलपुर जिले में 21 कार्यों के लिये 2 करोड़ 8 लाख रूपये की राशि जारी की है। इस राशि से इन जिलों के जनजाति क्षेत्रों में पुलिया निर्माण, शाला में बाउंड्री वॉल, सामुदायिक भवन, सीसी रोड़ जैसे विकास के कार्य कराये जायेंगे। निर्माण एजेंसियों को विकास के कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ नियत समय में पूरा किया जाने के निर्देश दिये गये हैं।

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