बढ़ते जोखिम के बीच सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश सुरक्षित

नई दिल्ली
दूसरी लहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए निवेशक फिर शेयर बाजार से हाथ खींचने लगे हैं। बैंक ने एफडी पर ब्याज दरें घटा दी हैं। छोटी बचत योजनाओं की दरें भी नीचे आई हैं। इस अनिश्चित माहौल में सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश सुरक्षित विकल्प बन सकता है।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के निवेश सलाहकार अनुज गुप्ता का कहना है कि सरकारी प्रतिभूतियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों को केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से गारंटी मिलती है। लिहाजा इनके निवेश पर जोखिम पूरी तरह खत्म हो जाता है और बाजार के उतार-चढ़ाव से बेअसर रिटर्न भी मिलता है। सरकार अपने खर्च पूरे करने के लिए प्रतिभूतियां जारी कर भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई या बैंकों से कर्ज लेती है और बैंकों से प्रतिभूतियां निवेशकों को भेजते हैं।

अभी तक खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने की इजाजत नहीं थी लेकिन आरबीआई ने गिल्ट अकाउंट के जरिए खुदरा निवेशकों को प्रतिभूतियों में सीधे पैसे लगाने की अनुमति दे दी है। अभी इन प्रतिभूतियों पर अधिकतम 4.51 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा है।

सरकारी प्रतिभूतियों में 91 दिन से लेकर 40 साल तक निवेश करने की सुविधा मिलती है। ऐसे में आपको बैंक एफडी की तुलना में 4 गुना ज्यादा समय तक निवेश की सुविधा मिलती है। अगर अभी 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों और एफडी पर रिटर्न की तुलना करें तो एफडी पर जहां 5.40 फीसदी का सालाना रिटर्न मिला। वहीं प्रतिभूतियों आपको 5.80 फीसदी का रिटर्न देंगी।

इसके अलावा एफडी पर बैंक अधिकतम 5 लाख की ही गारंटी लेते हैं जबकि प्रतिभूतियों में निवेश की गई पूरी रकम पर सरकार की ओर से गारंटी मिलती है, इसका मतलब अगर कोई निवेशक 20, 30 या 40 साल के लिए सुरक्षित निवेश का विकल्प खोज रहा है, तो प्रतिभूति के रूप में एकमात्र उपाय मिलता है।

आरबीआई ने पिछले दिनों कहा था कि जून 2021 तक एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियां खरीदी जाएंगी। निवेशकों को इन पर दो तरीके से रिटर्न मिलता है। एक तो सालाना ब्याज दर तय होती है। मसलन 10 साल के निवेश पर 5.80 प्रतिशत ब्याज हर साल मिलेगा।

कुछ प्रतिभूतियां कूपन के साथ जारी होती है, यानी 100 रुपये की प्रतिभूति अगर 4 रुपये के कूपन पर जारी हुई है तो आपको 96 रुपये की मिलेगी। लेकिन परिपक्वता पर बेचा तो 100 रुपये का ही भाव मिलेगा। इस तरह 4 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि आम तौर पर सरकारी प्रतिभूतियों पर कोई जोखिम नहीं होता है लेकिन इस पर मिलने वाला ब्याज ऊपर-नीचे जा सकता है। इसका उल्टा है कि आपके लगाए पैसे तो कह नहीं डूबेंगे लेकिन उस पर मिलने वाले धन में बदलाव हो सकता है।

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