घनश्याम नायक की हुई थीं 9 कीमोथेरेपी

'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के दिग्गज एक्टर नट्टू काका यानी घनश्याम नायक अब इस दुनिया में नहीं रहे. घनश्याम नायक पिछले कई महीने से कैंसर से जंग लड़ रहे थे. 3 अक्टूबर को एक्टर ने अंतिम सांस ली. कुछ महीने पहले उनके दो ऑपरेशन्स भी हुए थे. 77 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा. घनश्याम अपनी बीमारी से कैसे लड़ रहे थे, इस बारे में उनके बेटे ने जानकारी दी है.

नट्टू काका यानी घनश्याम नायक के बेटे विकास ने कई अहम जानकारियां साझा कीं.  विकास ने बातीचीत के दौरान कहा, 'एक साल पहले मेरे पिताजी की कैंसर की सर्जरी हुई थी. इसके बाद रेडियेशन और कीमोथेरेपी हुई. उनका कैंसर इतना दुर्लभ था कि उपचार का तरीका ट्रायल-एन-एरर लगता था. उनके 9 कीमोथेरेपी सेशन्स हुए थे, जिसमें से पिछले साल 5 और 4 इस साल हुए. इसके बाद 30 रेडियेशन सेशन्स हुए. यह सितंबर 2020 के आसपास का समय था और चीजें नियंत्रण में होती दिख रही थीं, लेकिन मार्च 2021 में पापा के चेहरे पर सूजन आ गई. हमने माना कि यह रेडियेशन का परिणाम था, लेकिन जांच से पता चला कि कैंसर उनके फेफड़ों में फैल गया था.'

घनश्याम नायक के बेटे ने बताया, 'अप्रैल 2021 में हमने कीमोथेरेपी फिर से शुरू की, जिसके बाद 2021 में 4 सेशन हुए. जून तक सेशन्स चलते रहे, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. सूजन भी कम नहीं हुई, लेकिन पिताजी ने जोर देकर कहा कि वह अभी भी काम पर जाना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के लिए थोड़ी शूटिंग की और एक विज्ञापन भी किया. हमने इस बार फिर से एक टेस्ट कराया और महसूस किया कि कैंसर अब केवल फेफड़ों में ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंगों में भी था. हमने कीमोथेरेपी बंद कर दी और होम्योपैथी और आयुर्वेद की मदद ली, लेकिन हालत बिगड़ती चली गई.'

घनश्याम नायक के बेटे ने आगे कहा, 'पिछले कुछ दिनों से पिताजी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और हमने घर पर ऑक्सीजन और नर्सों की व्यवस्था करने की कोशिश की, लेकिन मामला और गंभीर हो गया, जिसके बाद हम उन्हें अस्पताल ले गए. उन्हें आईसीयू में भर्ती होना पड़ा, हालत थोड़ा सुधरने पर उन्हें रूम में शिफ्ट किया गया. दोबारा उनकी हालत बिगड़ी और उन्हें फिर आईसीयू में वापस भेजा गया. उनके निधन से 15 दिन पहले, उनकी शुगर बहुत बढ़ गई थी, वो किसी को पहचान भी नहीं रहे थे. शुगर लेवल जब कम हुआ तो वो दोबारा लोगों को पहचानना शुरू किए.'

अंतिम वक्त की बात करते हुए घनश्याम नायक के बेटे ने कहा, 'हालांकि, 2 अक्टूबर को पिताजी ने मुझसे पूछा, 'मैं कौन हूं?' वह अपना ही नाम भूल गए थे. उसी समय मुझे एहसास हुआ कि वह दूसरी दुनिया में जाने लगे हैं.' उनके निधन के बाद हमने एक पेशेवर मेकअप आर्टिस्ट को उनके चेहरे पर मेकअप करने के लिए बुलाया. वो मेकअप के साथ इस दुनिया को अलविदा कहना चाहते थे. मैं आपको बता दूं कि जब उनकी नब्ज बंद हुई तो उनके चेहरे पर अपार शांति थी.'

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