आर्मी चीफ से झगड़कर कब तक बचेंगे इमरान खान? पाकिस्तान में फिर सरकार बनाम सेना की जंग! 

 इस्लामाबाद
पाकिस्तान में इमरान खान सरकार और आर्मी चीफ के बीच का तकरार काफी ज्यादा बढ़ चुकी है और इस जंग के अंत में यही माना जा रहा है कि इमरान खान को अपनी कर्सी गंवानी पड़ेगी। पाकिस्तान के इतिहास में अभी तक किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल तक सरकार नहीं चलाई है और इमरान खान के हालिया उठाए गये कदम बता रहे हैं कि, इमरान खान की भी प्रधानमंत्री पद से जल्द ही विदाई होने वाली है। सेना से पंगा लेते इमरान दो सालों तक लगातार आर्मी चीफ की हर बात मानने के बाद अपने शासन के तीसरे साल में जाकर इमरान खान ने पाकिस्तान आर्मी चीफ को आंखें दिखानी शुरू कर दी है। 

पाकिस्तान में प्रचलित कहावत है कि तीसरे साल में जाकर प्रधानमंत्री को लगने लगता है और उसके करीबी उसे यकीन दिलाने लगते हैं, कि असली ताकत पीएम की कुर्सी में ही है और यहीं से देश का प्रधानमंत्री अपनी कुर्सी पर लात मारने लगता है। इमरान खान भी वही कर रहे हैं। दो सालों तक आर्मी की हर बात मानी, लेकिन सरकार के तीसरे साल में जाने के बाद इमरान खान आर्मी चीफ के खिलाफ खड़े हो गये हैं, वो भी उस आर्मी चीफ के, जिसने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया है।

आर्मी चीफ से जंग की वजह इस बार आर्मी चीफ और प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच मचे इस उठापटक की असल वजह नये आईएसआई चीफ की तैनाती है। पाकिस्तान के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के मुताबिक, इमरान खान नहीं चाहते थे कि आईएसआई चीफ फैज हमीद को उनके पद से हटा दिया जाए और उनकी जगह पर नदीम अहमद अंजुम को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का प्रमुख बना दिया जाए। लेकिन पाकिस्तानी सेना के प्रमुख ने फैज हमीद को आईएसआई चीफ के पद से हटा दिया और ऐसा माना जा रहा है कि आर्मी चीफ बाजवा के हटने के बाद फैज हमीद ही पाकिस्तान के अगले आर्मी चीफ बनेंगे और इमरान खान उसके लिए तैयार नहीं हैं। 

पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, आईएसआई चीफ की नियुक्त करने का अधिकार प्रधानमंत्री को है और इसके लिए प्रधानमंत्री आर्मी चीफ से सलाह लेते हैं, लेकिन ये सिर्फ कानून की बात है, जिसे इमरान खान वास्तविक समझने लगे। क्यों गुस्सा हुए आर्मी चीफ? पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी कल अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और कहते हैं कि पीएम इमरान खान ने आर्मी चीफ से 'लंबी बैठक' के बाद फैद हमीद की जगह नदीम अहमद अंजुम को नया आईएसआई चीफ बनाने का फैसला किया था। लेकिन, फवाद चौधरी के इस बयान में इसलिए दम नहीं है, क्योंकि प्रधानमंत्री ऑफिस ने 10 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक आईएसआई के नये चीफ के लिए नदीम अहमद अंजुम के नाम को फाइनल नहीं किया है और उनकी फाइल पर अभी भी पीएम ऑफिस में रखी हुई है। यानि, ये साफ है कि प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी ताकत आर्मी चीफ को दिखाना चाह रहे हैं।
 

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