कानपुर में रोक के बाद भी 100 करोड़ की शत्रु संपत्तियों में रजिस्ट्री, जांच शुरू

 कानपुर  
शत्रु संपत्ति पर बने फ्लैट और आवासों के बैनामा पर रोक के बावजूद 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की 15 संपत्ति की रजिस्ट्री करना निबंधन कार्यालय के अफसरों को महंगा पड़ा। जांच में डीएम ने एआईजी स्टाम्प और तीन उपनिबंधकों को गलत तरीके से रजिस्ट्री करने का दोषी माना है। चारों का तबादला करके उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की संस्तुति अपर मुख्य सचिव स्टाम्प एवं पंजीयन से की है। 

पूर्व डीएम सुरेंद्र सिंह ने 11 अगस्त  2017 को शत्रु संपत्ति पर किसी भी तरह की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई थी। सभी 13 संपत्ति पर किसी भी तरह का बैनामा न करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद  उप निबंधक द्वितीय शीलभद्र चंद्रा ने नौ, प्रभारी उपनिबंधक व वर्तमान समय में कानपुर देहात में तैनात रामचंद्र ने चार और प्रभारी उपनिबंधक वंशलाल पाल ने दो रजिस्ट्री कर दी। डीएम की बिना अनुमति के तत्कालीन सहायक महानिरीक्षक  देवेंद्र सिंह ने सीधे महानिरीक्षक निबंधन से मार्गदर्शन मांगा। शत्रु संपत्ति के बैनामों पर रोक लगाने वाले पूर्व डीएम के संज्ञान में तथ्यों को नहीं लाया गया। इसलिए उनकी भी संलिप्तता है। चल रहे शत्रु संपत्ति की खरीद फरोख्त की जांच जब डीएम ने कराई तो चारों को दोषी मना है। डीएम विशाख जी ने तीन उपनिबंधक और तत्कालीन एआईजी स्टाम्प के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की संस्तुति की है।

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