रैगांव के रण में भाजपा रूठों को मनाने कामयाब, बागियों ने नाम लिया वापस

सतना
रैगांव के रण में भाजपा रूठों को मनाने में आखिरकार कामयाब हो गई. तीनो बागियों ने नामांकन वापस ले लिया. हालांकि उन्हें मनाने में एड़ी चोटी का जोर लगाया पड़ा. सबसे ज्यादा मेहनत स्व विधायक जुगल किशोर बागरी की छोटी बहू वंदना को मनाने में लगी. नाम वापसी के बिलकुल अंतिम समय में वो भाजपा नेता गगनेन्द्र सिंह के साथ जिला निर्वाचन कार्यलाय पहुंची और भरे मन से अपना नामांकन वापस लिया. हालांकि उनके आंसू छलक पड़े. इस तरह अब कुल 16 प्रत्याशी रैगांव के चुनाव मैदान में रह गए हैं.

भितरघात के कारण दमोह में चारों खाने चित्त हो चुकी बीजेपी की आठ तारीख से धड़कन बढ़ी हुई थी. टिकट वितरण से नाराज होकर भाजपा उसके तीन नेता बागी होकर निर्दलीय पर्चा दाखिल कर गए थे. आज बुधवार को नाम वापस लेने का अंतिम दिन था. ऐसे में मंगलवार रात से रूठों को मनाने की जद्दोजहद शुरू हुई. भाजपा ने खनिज मंत्री बृजेन्द्र सिंह और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी. विधायक पुत्र पुष्पराज बागरी, पुत्र वधु वंदना देवराज बागरी और राकेश कोरी ने अपना नामांकन वापस ले लिया.

स्व विधायक की पुत्र वधु वंदना भरे मन से आरओ के पास पहुंची और नामांकन वापस लिया. जबकि पुष्पराज बागरी और राकेश कोरी ने अपने प्रस्तावक को भेज कर नामांकन वापस लिया. वंदना देवराज बागरी ने कहा वो नाराज थीं मगर वो नहीं चाहतीं कि उनके ससुर की आत्मा दुखे और मैं पार्टी से बगावत करूं. मेरा पूरा परिवार भाजपा का था है और रहेगा. हम सब भाजपा के लिए काम करेंगे.

रैगांव उप चुनाव के लिए नामांकन जमा कर भाजपा के लिए मुश्किल बन गईं दिवंगत विधायक जुगल किशोर बागरी की छोटी बहू वंदना देवराज बागरी ने नाम वापस लेकर मैदान तो छोड़ दिया लेकिन वे अपने आंसुओ को नहीं रोक पाईं. रिटर्निंग अफसर के सामने पहुंची वंदना फॉर्म वापस लेते वक्त भावुक हो कर रो पड़ीं. उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े.

रैगांव चुनाव मैदान से 3 प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं. नाम वापस लेने वालों में दिवंगत विधायक के बड़े पुत्र पुष्पराज बागरी, छोटी बहू वंदना देवराज बागरी और राकेश कोरी शामिल हैं. अब रैगांव का मुकाबला 16 प्रत्याशियों के बीच होगा. जिसमें दो ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल होगा.

नाम वापसी के अंतिम दिन बुधवार को लोगों की निगाहें वंदना पर टिकी हुई थीं. पुष्पराज तो अपना निर्दलीय पर्चा वापस ले जा चुके थे लेकिन वंदना निर्दलीय मैदान में बनी हुई थीं. मंगलवार की रात खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश ताम्रकार और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र प्रताप सिंह से हुई मुलाकात में उन्होंने नाम वापस लेने का आश्वासन तो दिया था लेकिन दोपहर ढाई बजे तक वे कलेक्ट्रेट नही पहुंचीं.हर कोई वंदना के अगले कदम का इंतजार कर रहा था.

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