बाघों की सुरक्षा के रात्रिकालीन गश्त होगी कड़ी, होगा औचक निरीक्षण

भोपाल
त्योहारी सीजन में बाधों की सुरक्षा के लिये  केरवा के जंगलों में वन रक्षकों की पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है।  रात्रिकालीन गश्त की भी निगरानी की जाएगी। इस गश्त की औचक जांच करने वाले अधिकारियों का चार्ट बनाया जा रहा है।  इस चार्ट के अनुरूप तय रात्रि में गश्त की निगरानी के लिए अधिकारी जंगलों में निकलेंगे और देखेंगे कि रात्रिकालीन गश्त करने वाला वन अमला कितना सजग है। दरअसल, कोरोना संक्रमण बाद से भोपाल शहर में बाघों की सुरक्षा के लिए की जाने वाली रात्रिकालीन गश्त पर सवाल उठते रहे हैं।

वन्यप्राणियों को दुर्घटना से बचाने बनाए स्टाप डैम
बाघ, तेंदुए की मौत का कारण अब पानी की प्यास नहीं बनेगी। रेलवे ने इनकी प्यास बुझाने के लिए छह डैम बना दिए हैं। इनमें बारिश का पानी भी भरा हुआ है, जो पूरी गर्मी तक चलेगा। ये डैम भोपाल से इटारसी के बीच रातापानी वन्य जीव अभ्यारण्य के जंग में बरखेड़ा से बुधनी रेलखंड के किनारे बनाए गए हैं। यह पहाड़ी जंगल है, जहां गर्मी के दिनों में प्राकृतिक जल स्रोत सूख जाते थे और वन्यप्राणी प्यास बुझाने के लिए रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से 12 से अधिक बाघ, तेंदुए, भालू और दूसरे वन्यप्राणियों की मौत हो चुकी है।

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