राज्य सरकार एक बार फिर खुले बाजार से दो हजार करोड़ का कर्ज

भोपाल
राज्य सरकार एक बार फिर खुले बाजार से दो हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। आज शाम तक आने वाले वित्तीय प्रस्तावों में से सबसे कम ब्याज दरों पर कर्ज देने वाली वित्तीय संस्था से 27 अक्टूबर को यह कर्ज लिया जाएगा।

 वित्त विभाग ने इसके लिए रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के मुंबई कार्यालय पर वित्तीय संस्थाओं से आॅनलाईन प्रस्ताव आमंत्रित किए है। रिजर्व बैंक के इंडिया कोर बैंकिंग साल्यूशन ई कुबेर सिस्टम के जरिए इस कर्ज के लिए वित्तीय प्रस्ताव स्वीकार किए जाएंगे। ई-आॅक्शन में शामिल हुई वित्तीय संस्थाओं के प्रस्तावों को 27 अक्टूबर को खोला जाएगा। सफल निविदाकारों के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा और मध्यप्रदेश सरकार की कर्ज की शर्तो को पूरा करने और सबसे कम ब्याज दर का आॅफर देने वाली संस्था से कर्ज लिया जाएगा। यह कर्ज राज्य सरकार 6.85 प्रतिशत या उससे कम ब्याज दर का प्रस्ताव देने वाली संस्था से  लेगी।

 कर्ज की अदायगी दस साल में की जाएगी।  कर्ज सरकार पंद्रह सितंबर 2031 तक चुकाएगी। कोरोना काल में सरकार की माली हालत ज्यादा खराब हो चुकी है। राजस्व वसूली घटी है। पेट्रोल-डीजल की बिक्री कम हुई, सिनेमागृह, आबकारी ठेके भी लंबे समय तक बंद रहे और बसों का संचालन भी बाधित रहा। होटल और मनोरंजन के केन्द्र बंद रहने से इनके जरिए मिलने वाला राजस्व कम मिला। केन्द्र से भी जीएसटी में हिस्सेदारी इसी अनुपात में कम हो गई।  कोरोना के इलाज और संक्रमण रोकने पर भी राज्य सरकार को काफी राशि खर्च करनी पड़ी है। इसके चलते राज्य सरकार को बार-बार बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है।

दो लाख 53 हजार करोड़ का कर्ज
मध्यप्रदेश सरकार पर दो लाख 53 हजार 335 करोड़ 60 लाख रुपए का कर्ज है। इसमें बाजार से लिया गया कर्ज एक लाख 54 हजार 20 करोड़ 67 लाख रुपए का है। बांड के जरिए जुटाई गई राशि पर राज्य सरकार को 7360 करोड़ का कंपनशेशन देना है। वित्तीय संस्थान से दस हजार 901 करोड़ का कर्ज है।  केन्द्र सरकार से लिया गया कर्ज 31 हजार 40 करोड़ 16 लाख रुपए का है। अन्य देनदारियां 20 हजार 220 करोड़ 64 लाख करोड़ का कर्ज है। इसके अलावा राष्टÑीय लघु बचत योजनाओं में केन्द्र सरकार से ली गई राशि 29 हजार 792 करोड़ रुपए की देनदारी अलग है।

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