सपा और TMC के बीच गठबंधन की कवायद तेज, UP के रास्ते दिल्ली पहुंचने की कोशिश में ममता बनर्जी

नई दिल्ली

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी समाजवादी पार्टी (सपा) से कुछ सीटों पर गठबंधन करके विपक्षी एकजुटता का संदेश और सपा को यूपी में विपक्ष का अगुवा बनाने में मदद कर सकती हैं। इस तरह की चर्चा जोरों पर है कि यूपी में तृणमूल का दामन थामने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी सपा के तालमेल के साथ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।

तृणमूल से जुड़े सूत्रों ने कहा फिलहाल यूपी में पार्टी चुनाव लड़ेगी। बाकी चीजें परिस्थितियों पर निर्भर करेगी। ममता पहले भी भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता की वकालत कर चुकी हैं। तृणमूल ममता बनर्जी को राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष का बड़ा चेहरा बनाने की जुगत में है। इस कवायद में बड़ा प्रयोग यूपी में हो सकता है। तृणमूल की कोशिश यूपी में कुछ और बड़े चेहरों को अपने साथ लेने की है।

ममता बनर्जी पहले ही यूपी चुनाव में उतरने का ऐलान कर चुकी हैं और पिछले महीने यूपी कांग्रेस के बड़े चेहरे ललितेश पति त्रिपाठी को टीएमसी में शामिल करके अपनी रणनीति भी स्पष्ट कर चुकी हैं। मंगलवार को तृणमूल में शामिल हुए तीनों नेताओं के यूपी से संबंध नही है, लेकिन पार्टी यूपी के चुनाव प्रचार में इनका इस्तेमाल कर सकती है।

ममता ने दिया TMC का विस्तार जारी रखने का संकेत, जाएंगी वाराणसी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को संकेत दिया कि वह अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विस्तार कार्यक्रम को जारी रखेंगी और इस सिलसिले में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और महाराष्ट्र का दौरा भी करेंगी। दिल्ली दौरे पर आईं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और राज्य में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के मुद्दे को उठाते हुए इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा, ''बीएसएफ को अधिक शक्तियां दिए जाने से कानून व व्यवस्था की स्थिति में परेशानी हो रही है और राज्य की पुलिस और बीएसएफ के बीच टकराव पैदा हो रहा है। हम बीएसएफ के खिलाफ नहीं हैं। बिना किसी कारण के देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है।''

भाजपा को हराने में करेंगी अखिलेश की मदद
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा, ''यदि तृणमूल कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भाजपा को पराजित करने में मदद कर सकती है तो हम जाएंगे…यदि अखिलेश यादव हमारी मदद चाहते हैं तो हम मदद करेंगे।'' उन्होंने कहा कि वह वाराणसी भी जाएंगी क्योंकि ''कमलापति त्रिपाठी का परिवार अब हमारे साथ है''। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के परिवार के राजेशपति और ललितेशपति त्रिपाठी अक्टूबर में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।  

ममता ने कांग्रेस को दिया है झटका
कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के अगले दिन ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी इस दौरे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की कोई योजना नहीं है। ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और कांग्रेस की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा, ''इस बार मैंने मुलाकात के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री का समय मांगा था। सभी नेता पंजाब के चुनाव में व्यस्त हैं। काम पहले है…हर बार हमें सोनिया गांधी से क्यो मिलना चाहिए? यह संवैधानिक रूप से बाध्यकारी थोड़े ही है?''

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