घर से कलह को दूर करने के लिए अपनाएं ये Vastu Tips

कई बार घर के हालात ऐसे बन जाते हैं कि छोटी-छोटी बातों को लेकर आपस में मतभेद हो जाते हैं और फिर बाद में वहीं बातें झगड़ों का रूप ले लेती हैं। अगर आपको भी अपने घरों में ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ जाए तो इसमें घबराने की बजाए हिम्मत से काम लेना चाहिए। आज हम आपके लिए लाएं वास्तु शास्त्र में बताए गए ऐसे उपायों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप अपने घर के माहौल को पूरी तरह से बदल सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कौन सी दिशा में क्या होना चाहिए। इसका उल्लेख कई वास्तु ग्रंथों में मिलता है। 
 
एक आदर्श मकान का मुख्य द्वार सिर्फ पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। वहीं घर की ढलान पूर्व, उत्तर या पूर्व-उत्तर (ईशान कोण) की और होना शुभ माना गया है। 

वास्तु के अनुसार घर के कमरे, हॉल, किचन, बाथरूम और बेडरूम एक खास दिशा में होने चाहिए। जिससे घर में वास्तुदोष नहीं होता और लोग सुखी रहते हैं।

घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने से भी घर में अशांति बनी रहती है। ऐसे में नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए उपले को जलाकर उस पर गूगल और लोबान डालकर घर में घुमाएं, या फिर सेंधा नमक डालकर घर में पोंछा लगाएं। घर में गायत्री मंत्र का नियमित जाप करें। 

घर के ईशान कोण में दोष होने पर जल का चित्र लगाएं। शिवजी की जटा से बहती हुई गंगाजी के भी चित्र लगा सकते हैं। इससे नकरात्मक ऊर्जा कम होती है।

उत्तर दिशा में दोष होने पर मनी प्लांट लगा सकते हैं। नदी का चित्र लगाने से दोष मुक्ति होता है। चित्र में हरे-भरे पेड़ भी हो सकते हैं।

अगर घर के किसी सदस्य का स्वास्थ्य खराब रहता हो तो पीपल, बरगद का चित्र लगाने से उसके स्वास्थ्य में सुधार आने लगता है।

एक बात का ध्यान हमेशा रखें कि घर के मुख्य द्वार पर कपड़े नहीं सुखाने चाहिए। इससे घर में नकरात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।   

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