ग्वालियर शहर के भ्रमण पर निकले मुख्यमंत्री चौहान

 ग्वालियर

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार की रात केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ ग्वालियर शहर के भ्रमण पर निकले। उन्होंने रैन बसेरा और दीनदयाल रसोई का निरीक्षण किया और संभागीय ग्रामीण हाट बाजार पहुँचकर महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रहीं स्व-सहायता समूह की दीदियों की सफलता की दास्तां सुनीं। साथ ही मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना वहाँ आश्रय लेने वाले श्रमिकों और असहाय लोगों के बीच बैठकर उनकी दु:ख तकलीफ सुनी। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री जेएएच परिसर पहुँचे और जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र एवं वन स्टॉप सेंटर का जायजा भी लिया।

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह सहित जन-प्रतिनिधि एवं अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।

रैन बसेरा में रह रहे लोगों से पूछा कैसे हैं हालचाल

मुख्यमंत्री चौहान ग्वालियर शहर के भ्रमण के दौरान सबसे पहले बस स्टेण्ड परिसर स्थित रैन बसेरा पहुँचे और वहाँ निवासरत लोगों के हालचाल जाने। मुख्यमंत्री चौहान ने पूछा कि आप सब यहाँ कैसे पहुँचे और यहाँ की सुविधायें कैसी हैं। मुरादाबाद उत्तरप्रदेश से कोर्ट में तारीख पर आए जयवीर सिंह का कहना था कि हमें इंटरनेट के जरिए रैन बसेरा के बारे में पता चला। इसी तरह भिण्ड निवासी नरेन्द्र सिंह का कहना था कि रात हो जाने की वजह से हमने यहाँ बस स्टेण्ड परिसर में लगे बोर्ड को पढ़कर रैन बसेरा में शरण ली। ग्राम सिमिरिया पठा निवासी रामेश्वर बाबा का आधारकार्ड बनवाने के निर्देश मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर को दिए। यहाँ निवासरत सभी लोगों का कहना था कि मध्यप्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिये रैन बसेरा खोलकर ईश्वर की सच्ची आराधना की है।

मानवती के आग्रह पर खिंचवाई सेल्फी

मुख्यमंत्री चौहान   बस स्टेण्ड परिसर में संचालित दीनदयाल रसोई में भी पहुँचे। उन्होंने वहाँ भोजन ग्रहण कर रहे लोगों से चर्चा की। शिवपुरी से अपने पिता दुर्जन लाल कुशवाह के साथ पुलिस भर्ती की परीक्षा देने के लिये ग्वालियर आई बालिका कु. मानवती कुशवाह भी उस समय भोजन कर रही थी। मुख्यमंत्री चौहान को अपने बीच पाकर वह खुशी से गदगद हो गई और बोली मामा जी प्लीज मेरे साथ फोटो खिचवाइए। मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी भांजी का मान रखा और उसके साथ सेल्फी खिचवाई। मुख्यमंत्री चौहान ने दीनदयाल रसोई में भोजन कर रहे शिवपुरी निवासी एक दिव्यांग युवक को रोजगार के लिए आर्थिक मदद दिलाने के निर्देश संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना को दिए। बस स्टेण्ड की दीनदयाल रसोई में हर दिन औसतन 750 व्यक्ति भोजन ग्रहण करते हैं। मात्र 10 रूपए में हर व्यक्ति को भरपेट भोजन कराया जाता है। बस स्टेण्ड परिसर में मुख्यमंत्री चौहान ने जरूरतमंदों को कंबल भी वितरित किए।

श्रमिकों एवं असहायों के बीच बैठकर सुनी दु:ख तकलीफ

          मुख्यमंत्री चौहान ने पड़ाव पुल के नीचे स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद मंदिर परिसर के बाहर जमा श्रमिक एवं असहाय लोगों के बीच बैठकर उनकी दु:ख तकलीफ सुनी। चर्चा के दौरान कुछ श्रमिकों ने बताया कि शाम ढले हम लोग सरकार द्वारा संचालित दीनदयाल रसोई में भोजन करने के बाद मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के समीप पुल के नीचे आश्रय लेते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि इन सभी के लिये तात्कालिक रूप से रैन बसेरो में रहवास की व्यवस्था की जाए। शहर में कोई भी श्रमिक कड़ाके की सर्दी में बाहर सोने के लिये मजबूर न रहे। उन्होंने कहा तात्कालिक व्यवस्था के साथ ऐसे जरूरतमंदों के स्थायी आवास की व्यवस्था का भी पुख्ता प्लान तैयार करें।

दीदियों की सफलता की दास्तां सुनकर खुश हुए मुख्यमंत्री चौहान

           राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बने स्व-सहायता समूहों में संगठित होकर महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिख रहीं दीदियों के बीच भी मुख्यमंत्री चौहान पहुँचे। मुख्यमंत्री चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री तोमर ने यहाँ संभागीय ग्रामीण हाट बाजार परिसर में विभिन्न प्रकार के उत्पादों की बिक्री कर रहीं दीदियों से चर्चा की। माँ शीतला समूह की दीदियाँ कड़कनाथ मुर्गा-मुर्गी पालन कर कड़क कमाई कर रही हैं। समूह की दीदियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि कड़कनाथ मुर्गा 800 रूपए में और अण्डा 30 रूपए में बिक जाता है। इस व्यवसाय से अब हम आत्म-निर्भर हो गए हैं। इसी तरह कालिन्द्री क्लस्टर लेवल फेडरेशन से जुड़ीं दीदियाँ सफलतापूर्वक फिनायल निर्माण कर रही हैं तो कुछ दीदियाँ नेपकिन बनाती हैं। इसी तरह भयपुरा ग्राम की दीदियाँ स्व-सहायता समूहों में संगठित होकर बड़े पैमाने पर मसाले का कारोबार चला रही हैं। ग्वालियर जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में दीदियों के लगभग 3 हजार 430 समूह बने हैं , जिनसे 38 हजार 538 परिवार जुड़े हैं।

प्रमुखता से बनवाएँ महिलाओं के एफपीओ

          मुख्यमंत्री चौहान ने संभागीय ग्रामीण हाट बाजार के प्रशिक्षण केन्द्र में जैविक खेती का प्रशिक्षण लेने आईं लगभग 40 महिलाओं से भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि भितरवार और घाटीगाँव में दीदियों के एफपीओ (फार्मर प्रोडक्शन ऑर्गेनाइजेशन) बने हैं , जिससे हम सबको बड़ा फायदा हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान ने अतिरिक्त आवंटन कर मुरार एवं डबरा ब्लॉक में भी महिलाओं के एफपीओ बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए। साथ ही कहा कि समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिये उत्पादकता ग्रुप भी बनाए जाएँ , जिससे दीदियों के उत्पाद बिकने में कठिनाई न आए। केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि एफपीओ को दो करोड़ रूपए तक का लोन मात्र 4.25 प्रतिशत की दर से मिलता है। इसलिये कमाण्ड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर एफपीओ का गठन कराएँ। चर्चा के दौरान  ग्राम चिरपुरा भितरवार निवासी श्रीमती मुन्नी बंजारा और सिरसौद की श्रीमती सर्वेश ने कहा सफलतापूर्वक जैविक खाद उत्पादन कर हम आत्म-निर्भर बन गए हैं। इन सभी का कहना था कि हम खुद तो जैविक खेती करते ही हैं। साथ ही जैविक खाद की बिक्री भी कर रहे हैं।

चौपाटी पर लिया चटपटे व्यंजनों का स्वाद

मुख्यमंत्री चौहान संभागीय ग्रामीण हाट बाजार के बाद फूलबाग चौपाटी पर पहुँचे और वहाँ चटपटे लजीज व्यंजनों का स्वाद लिया। उन्होंने खासतौर पर फ्राइड राईस का सेवन किया।  

वन स्टॉप सेंटर के भवन निर्माण में हो रही देरी पर जताई नाराजगी

          शहर भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने जेएएच परिसर में वन स्टॉप सेंटर का जायजा भी लिया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस सेंटर में विपत्तिग्रस्त महिलाओं को आश्रय दिया जाता है। मुख्यमंत्री चौहान ने वन स्टॉप सेंटर के भवन निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की और पीआईयू के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि जरूरी हो तो एजेन्सी बदलकर जल्द से जल्द भवन का निर्माण पूरा कराएँ। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने यहाँ निवासरत महिलाओं से भी चर्चा की।

जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र की व्यवस्थाओं को सराहा

मुख्यमंत्री चौहान ने  जेएएच परिसर स्थित जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का जायजा भी लिया। उन्होंने यहाँ निवासरत दिव्यांगों से चर्चा की। साथ ही सेवा भारती द्वारा संचालित इस केन्द्र की व्यवस्थाओं को सराहा। लगभग तीन करोड़ रूपए की लागत से सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के भवन का निर्माण कराया गया है। यहाँ पर कृत्रिम अंग वितरण के साथ फिजियोथैरेपी एवं वोकेशनल ट्रेनिंग भी दिव्यांगों को दी जाती है। 

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