UP में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला करने की तैयारी में केंद्र सरकार, बजट सेशन में पेश होगा बिल

 नई दिल्ली

आज पेश होने वाले बजट में सरकार उत्तर प्रदेश में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। सरकार ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के लिए उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन के लिए 15 नए विधेयकों को सूचीबद्ध किया है। संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022 का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के लिए अनुसूचित जाति सूची से एक जाति को हटाना और इसे एसटी सूची में शामिल करना है। सरकार ने चुनाव आयोग से विधेयक पेश करने की अनुमति मांगी है क्योंकि यूपी में आठ जनवरी से आदर्श आचार संहिता लागू है।

आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश होने वाले बजट को लेकर सरकार कई बड़े फैसले लेने की योजना बना रही है। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ये बजट सरकार और भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार की नजरें एक बार फिर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर है। भाजपा यूपी में एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने के मूड पर है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार यूपी आरक्षण को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इसके लिए सरकार ने चुनाव आयोग से विधेयक पेश करने की अनुमति भी मांगी है।

जानकारी के लिए बता दें कि यूपी की एससी सूची में 72 और एसटी सूची में छह जातियां हैं। किसी जाति को एससी से एसटी सूची में ले जाने से लाभार्थियों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में बेहतर आरक्षण प्राप्त करने में मदद मिल सकती है क्योंकि एसटी के बीच प्रतिस्पर्धा कम है। झारखंड में एससी और एसटी सूची और त्रिपुरा में एसटी सूची को संशोधित करने के लिए दो और बिल भी सूचीबद्ध किए गए हैं।
 

किसी राज्य की एससी और एसटी सूचियों को संशोधित करने की प्रक्रिया में वर्षों लग जाते हैं। प्रक्रिया राज्य द्वारा केंद्र को एक सिफारिश भेजने के साथ शुरू होती है। केंद्रीय मंत्रालय (एसटी सूची के मामले में जनजातीय मामले और अनुसूचित जाति सूची के मामले में सामाजिक न्याय और अधिकारिता) भारत के महापंजीयक को सिफारिश को अग्रेषित करता है यदि यह योग्यता पाता है। उनके प्रस्ताव की राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एससी सूची के लिए) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एसटी सूची के लिए) द्वारा भी जांच की जाती है। संसद में विधेयक पेश करने से पहले निकायों की सहमति अभी निवार्य है।

इस बार संसद सत्र में सरकार की नजरें 12 महत्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी दिलाने पर होगी। जिसमें ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय दंत आयोग विधेयक, पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण विधेयक, छावनी विधेयक भारत अंटार्कटिका विधेयक, कैदियों की पहचान विधेयक और प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।

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