पंचांग का आखरी महीना फागुन प्रारंभ, मौसम में देखने मिलेगा बड़ा बदलाव

ग्वालियर। हिंदू कैलेंडर का अंतिम 12 महीना फाल्गुन मास का प्रारंभ 17 फरवरी से शुरू हो चुका है। जो 18 मार्च तक रहेगा। नए साल का पहला महीना चैत्र और आखरी महीना फाल्गुन होता है। इसे फाल्गुन मास कहा जाता है। उसके बाद हिंदू नव वर्ष का महीना शुरू होता है। फाल्गुन मास तीज त्यौहार वाला महीना होता है। इसके साथ ही इस महीने में मौसम में बदलाव भी देखने को मिलते हैं। और बसंत ऋतु की शुरूआत भी इसी महीने से होती है।

बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी के अनुसार फाल्गुन मास अध्यात्म के साथ उत्सव का भी महीना कहलाता है। फाल्गुन मास में शिवरात्रि से लेकर रंगों का त्योहार होली  भी आता है। इस महीने शिव पार्वती, भगवान विष्णु लक्ष्मी, श्री कृष्ण, और चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। इस महीने में आने वाले तीज त्यौहार सकारात्मक ऊर्जा और खुशियों से भरे होते हैं। फाल्गुन मास में पतझड़ खत्म होकर बसंत ऋतु की शुरूआत होती है। इसलिए इस मौसम में मन खुश रहता है।फाल्गुन महीने के 13 दिन बाद शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसी तिथि पर ही भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। इसके बाद फाल्गुन महीने के खत्म होने पर यानी आखिरी दिन होलिका दहन के साथ रंगों का त्योहार होली मनाते हैं। आयुर्वेद में इस महीने में शरीर की ताकत बढ़ती है। साथ ही शरीर के वात, कफ, पित्त  का बैलेंस भी बना रहता है। इसलिए भी फाल्गुन मास को सुखद महीना कहा जाता है।

गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त : 18 फरवरी और 19 फरवरी केवल दो ही मुहूर्त हैं।
मकान वाहन के लिए शुभ मुहूर्त : 25 फरवरी, 26 फरवरी, 2 मार्च ,3 मार्च, 12 मार्च, 13 मार्च, 17 मार्च
विवाह के लिए : केवल 19 फरवरी का ही मुहूर्त है।
उपनयन संस्कार : 18 फरवरी को सुबह 6:50 से दोपहर 3:30 तक
मुंडन संस्कार : 21 फरवरी, 28 फरवरी, 1 मार्च
नामांकन संस्कार : 20 फरवरी ,21 फरवरी, 22 फरवरी, 23 फरवरी, 24 फरवरी ,27 फरवरी, 28 फरवरी, 4 मार्च, 5 मार्च, 6 मार्च, 7 मार्च, 9 मार्च, 13 मार्च, 14 मार्च

फाल्गुन मास के प्रमुख व्रत और त्योहार
20 फरवरी गणेश चतुर्थी
24 फरवरी सीता अष्टमी शबरी जयंती
26 फरवरी विजय एकादशी
28 फरवरी सोम प्रदोष
1 मार्च महाशिवरात्रि पर्व
2 मार्च श्राद्ध अमावस्या
4 मार्च फुलरिया दूज
10 मार्च होलिका अष्टक प्रारंभ
14 मार्च रंगभरी एकादशी
17 मार्च होलिका दहन
18 मार्च रंगोत्सव होलिका
20 मार्च भैया दोज
25 मार्च शीतलाष्टमी बसोरा
28 मार्च पापमोचनी एकादशी
29 मार्च भौम प्रदोष
31 मार्च को श्राद्ध अमावस्या
2 अप्रैल से गुड़ी पड़वा चेत्र नवरात्रि

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