देश में इतिहास में पहली बार, अहमदाबाद ब्लास्ट के 38 दोषियों फांसी की सजा

अहमदाबाद
 गुजरात के अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में फैसला हो गया है। विशेष अदालत शुक्रवार (आज) को इन बम धमाकों के दोषियों को सजा सुनाई। दोषी पाए गए कुल दोषियों में 38 को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि 11 को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, कोर्ट के बाहर और आसपास भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इन सीरियल ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने 49 अभियुक्तों को दोषी माना था और सजा के लिए 18 फरवरी की तारीख तय की थी। देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब एक साथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले राजीव गांधी की हत्या के मामले में 26 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी।

2008 में अहमदाबाद के इलाकों में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने आदेश देने के लिए 18 फरवरी की तारीख तय की थी। कोर्ट ने शुक्रवार को इस पर फैसला सुनाया।

56 लोगों की हुई थी मौत
अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को ये सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। 70 मिनट के अंदर 56 लोगों की मौत हो गई थी। इन बम धमाकों में 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। अदालत में 13 साल से भी ज्यादा समय तक मामला चला। पिछले सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया था और 28 अन्य को स्पेशल कोर्ट ने बरी कर दिया था।

बता दें कि अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट से सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील कोर्ट की थी। हालांकि अदालत ने 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई। इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अहमदाबाद विस्फोट मामले में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था। आपको बता दें कि साल 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे।

पुलिस ने दावा किया था कि आईएम से जुड़े लोग, प्रतिबंधित छात्रों के इस्लामी आंदोलन (सिमी) के कट्टरपंथियों का एक गुट विस्फोटों में शामिल थे। पूरे मामले पर कुल 51 लाख पेज की चार्जशीट दाखिल की गई। इसमें 1163 गवाहों की गवाही को वैध रखा गया। 2009 से इसकी सुनवाई रोजाना हुई। केस चलने के दौरान दो की मौत हो गई थी। चार के खिलाफ अभी आरोप दायर करना बाकी है। कुल 76 आरोपियों की सुनवाई हो चुकी है।

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