शिवसेना नेता के घर केंद्रीय जांच एजेंसी ने दी दस्तक, यशवंत जाधव से आयकर विभाग की पूछताछ

मुंबई।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिवसेना नेता यशवंत जाधव के घर दस्तक दी है। कल ही उनकी पत्नी ने नवाब मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। मुंबई नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष और शिवसेना नेता यशवंत जाधव के मझगांव स्थित आवास पर शुक्रवार सुबह आयकर अधिकारियों ने छापेमारी की। आयकर विभाग के अधिकारी सीआरपीएफ जवानों के साथ आज सुबह यशवंत जाधव के घर पहुंचे।  फिलहाल उनके घर पर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यशवंत जाधव से किस मामले में पूछताछ की जा रही है।
 

आपको बता दें कि यशवंत जाधव पिछले पांच साल से स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। बीजेपी नेता लगातार उन पर गुमनाम कंपनियों के जरिए वित्तीय हेरफेर का आरोप लगाते रहे हैं। कल ही यशवंत जाधव की पत्नी यामिनी जाधव ने नवाब मलिक के समर्थन में मंत्रालय के पास महा विकास अघाड़ी के प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में गुरुवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और राज्य के कई अन्य मंत्रियों ने यहां धरना दिया था।

राज्य सचिवालय मंत्रालय के नजदीक महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना स्थल पर सबसे पहले पवार पहुंचे। राज्य के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार, गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। धरना शुरू होने के बाद करीब एक घंटे तक शिवसेना के कोई वरिष्ठ नेता वहां (धरना स्थल पर) नजर नहीं आए। बाद में, शिवसेना नेता एवं राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई वहां पहुंचे। राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत इस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने गए हुए हैं।

 
महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। थोराट ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि केन्द्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को खामोश करने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा,‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है और देश के इतिहास का एक काला अध्याय है।’

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