निशुल्क सायकल भी नहीं मोह रही पालकों का मन, सरकारी प्राथमिक स्कूलों में घट रही बच्चों की संख्या

भोपाल
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा लेने वाले बच्चों की संख्या निरंतर घट रही है। पहली कक्षा में ही प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या दो लाख से अधिक कम हो गई है।

राज्य सरकार प्रदेश में सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए बच्चों और उनके पालकों को उत्साहित करने के लिए मध्यान्ह भोजन, नि:शुल्क गणवेश, पुस्तकें और सायकल वितरित करती है। इसके बाद भी सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने वालों की संख्या लगातार कम होती जा रही है यह चिंता का विषय है। सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली में वर्ष 2010-11 में बच्चों की संख्या 23 लाख 38 हजार हुआ करती थी। वर्ष 20-21 में यह संख्या घटकर 13 लाख 52 हजार रह गई है। कक्षा दो में भी यह संख्या वर्ष 10-11 के 22 लाख 30 हजार के मुकाबले घटकर 15 लाख 31 हजार रह गई है। कक्षा तीन से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों की संख्या में भी पिछले दस सालों में गिरावट आई है।

 कक्षा तीन में दस साल पहले 21 लाख 14 हजार बच्चे रहते थे वे अब कम होकर 15 लाख दो हजार रह गए है। कक्षा चार में बीस लाख 44 हजार के मुकाबले दस साल में बच्चों की संख्या घटकर 15 लाख 67 हजार रह गई है। वहीं कक्षा पांच में यह संख्या 19 लाख 32 हजार से कम होकर 15 लाख 6 हजार हो गई है। पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों मे कक्षा एक से आठ तक वर्ष 2010-11 में कुल एक करोड़ 54 लाख 24 हजार बच्चे थे। यह संख्या अब एक करोड़ 17 लाख 32 हजार पर आ गई है। सरकारी स्कूलों में जहां एक ओर प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम हो रही है वहीं निजी स्कूलों में प्रवेश लेने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

हर साल सायकल, गणवेश, पुस्तक, मध्यान्ह भोजन पर करोड़ों का खर्च
प्रदेश के स्कूलों में नि:शुल्क सायकल वितरण पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च हो रहे है। वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने 62 लाख 12 हजार 778 करोड़ रुपए रुपए की नि:शुल्क सायकल वितरित कर चुकी है।  वर्ष 20-21 में नि:शुल्क गणवेश पर 32 हजार 408 लाख रुपए खर्च किए गए है। नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण पर 15 हजार 436 लाख रुपए खर्च किए गए और मध्यान्ह भोजन पर 1617 करोड़ 89 लाख रुपए सरकार ने खर्च किए है।

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