रूस-यूक्रेन युद्ध के साइड इफेक्ट्स: महंगाई के कारण भर्तियों में हो सकती है कमी

 नई दिल्ली।

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव और महंगाई की आशंका से आने वाले महीनों में भर्तियां प्रभावित हो सकती हैं। मैनपॉवरग्रुप रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण के अनुसार, अप्रैल से जून 2022 के दौरान शुद्ध रोजगार परिदृश्य 38 प्रतिशत रह सकता है जो जनवरी-मार्च 2022 के दौरान 49 प्रतिशत था। मैनपॉवरग्रुप रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण के 60वें सालाना संस्करण में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।

रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्ति गतिविधियां पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत हैं। हालांकि तिमाही के आधार पर देखा जाए तो अनुमान है कि जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले शुद्ध रोजगार परिदृश्य में 11 प्रतिशत की कमी आ सकती है। सर्वेक्षण के मुताबिक आईटी और प्रौद्योगिकी भूमिकाओं के लिए परिदृश्य सबसे मजबूत 51 फीसदी है, इसके बाद रेस्टोरेंट और होटल के लिए 38 फीसदी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कार्य और सरकारी नियुक्ति संबंधी परिदृश्य 37 फीसदी है।

अप्रैल-जून तिमाही के लिए 55 फीसदी नियोक्ताओं का अनुमान है कि पेरोल बढ़ेगा, 17 फीसदी ने कहा कि इसमें कमी आएगी जबकि 36 फीसदी का अनुमान है कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। इस तरह शुद्ध रोजगार परिदृश्य 38 फीसदी है। मैनपॉवरग्रुप के समूह प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने कहा, देश महामारी के असर से बाहर आ रहा है, पर वैश्विक भूराजनीतिक अस्थिरता और बढ़ती मुद्रास्फीति जैसी नई चुनौतियां सामने हैं। इस बीच, भारत सूचना प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी संसाधनों के मुख्य स्रोत के रूप में आगे बढ़ता रहेगा।
 

आम आदमी पर महंगाई की मार
बता दें  आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है। तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के साथ घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन दोनों ईंधन की कीमतों में आगे भी बढ़ोतरी जारी रहेगी। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमत में 76 से 86 पैसे प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हुई है। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 80 पैसे बढ़कर 96.21 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। इसी प्रकार डीजल भी 80 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 87.47 पैसे प्रति लीटर हो गया है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 137 दिनों के बाद बढ़ोतरी हुई है। तीन नवंबर 2021 से इन दोनों ईंधन की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी।

उधर, घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर की कीमतों में भी 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब दिल्ली में 14.2 किलो का गैर-सब्सिडी वाला घरेलू गैस सिलेंडर 949.50 रुपये का हो गया है। हालांकि, 19 किलो वाले वाणिज्यिक गैस सिलेंडर की कीमतों में 8.5 रुपये की मामूली कमी की गई है। अब यहां वाणिज्यिक गैस सिलेंडर 2003.50 रुपये का हो गया है। गौरतलब है कि तेल विपणन कंपनियों ने 20 मार्च को ही डीजल के थोक खरीदारों के लिए कीमत में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी।

Back to top button