बीसीसीआई के अंपायरों की भर्ती एग्जाम में 97% प्रत्याशी हुए फेल

मुंबई
 क्रिकेट के मैदान पर अंपायरिंग (Umpiring) करना सबसे महत्वपूर्ण काम होता है। अंपायर का एक गलत डिसीजन पूरे मैच का रुख बदल कर रख देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंपायर बनने के लिए क्या करना होता है? तो आपको बता दें कि इसके लिए कड़ी परीक्षा देने होती है। इसके बाद ही वह किसी मैच की अंपायरिंग कर पाता है। इसी कड़ी में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई (BCCI) ने अंपायरों की भर्ती के लिए टेस्ट लिया, जिसमें 140 लोगों ने भाग लिया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसमें से 97% लोग फेल हो गए। यह टेस्ट महिला और जूनियर मैच ग्रुप डी में अंपायरिंग के लिए लिया गया था।

ऐसा था टेस्ट पेपर
अंपायर बनने के लिए बीसीसीआई ने 200 अंकों का एक टेस्ट लिया था, जिसका कटऑफ 90 अंक था। इसमें लिखित परीक्षा के 100 अंक, मौखिक और वीडियो परीक्षा के 35-35 अंक और 30 अंक फिजिकल के भी थे। इस एग्जाम में 140 अंपायरिंग कैंडिडेट शामिल हुए थे। जिसमें से 137 अंपायर फेल हो गए और सिर्फ तीन ही इस एग्जाम को पास कर पाए। बीसीसीआई की यह परीक्षा अलग-अलग मापदंडों से होकर गुजरती है और इसमें खेल की समझ, नियमों का पूरा ज्ञान होना किसी भी अंपायर के लिए बहुत जरूरी है।

बीसीसीआई ने कैंडिडेट से पूछे ऐसे सवाल
सवाल- बीसीसीआई ने अपने इंटरव्यू के दौरान कैंडिडेट्स से सवाल किया कि अगर पवेलियन के किसी हिस्से पर पेड़ या फील्ड की परछाई पिच पर पड़े और बल्लेबाज आपसे शिकायत करें तो आप क्या फैसला लेंगे?

जवाब– जिसका सही जवाब यह होता कि पवेलियन या पेड़ की परछाई से मैच में कोई फर्क नहीं पड़ता है। फील्डर को स्थिर रहने के लिए कहा जा सकता है।

सवाल- बीसीसीआई नहीं दूसरा सवाल यह पूछा कि गेंदबाज की चोट सही है और अगर पट्टी हटाते हैं तो खून निकलने लगेगा। इसके बाद भी क्या आप गेंदबाज को टेप हटाकर गेंदबाजी करने के लिए कहेंगे?

जवाब– सही जवाब अगर गेंदबाज को बॉलिंग करनी है तो टेप हटाना जरूरी है।

सवाल- बीसीसीआई ने अंपायर टेस्ट दे रहे कैंडिडेट से सवाल किया कि बल्लेबाज ने अगर कोई ऐसा शॉट खेला जो फील्डर के हेलमेट में अटक जाए और इसके बाद बॉल जमीन पर गिरने से पहले उसे कैच पकड़ लिया गया तो क्या आप आउट देंगे?

जवाब–  सही जवाब होता नॉट आउट।

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