रोजगार कार्यालय: 25 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार, सिर्फ 1647 को सरकारी जॉब

भोपाल
प्रदेश में करीब 26 लाख युवाओं ने एक दशक में नौकरी पाने के लिए रोजगार कार्यालय के माध्यम से पंजीयन कराकर आवेदन किया है, सिर्फ 1647 युवाओं को ही दस सालों में नौकरी मिल पाई है। अब सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए स्वरोजगार पर जोर दे रहे हैं और सरकार का दावा है कि आठ माह में 25 लाख युवाओं को स्वरोजगार की सुविधा दिलाई गई है।

मध्यप्रदेश में बेरोजगारी कम होंने का नाम नहीं ले रही है। पिछले दस वर्षो में एक अदद नौकरी की आस में 25 लाख 81 हजार बेरोजगारों ने प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में पंजीयन कराया है। इनमें से केवल 1647 बेरोजगारों को सरकार नियुक्ति दिला पाई है। इस दौरान आयोजित रोजगार मेलों के जरिए 8 लाख 25 हजार 356 आॅफर लेटर प्रदान किए गए है। रोजगार कार्यालयों में पंजीयन के बाद भी युवाओ को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। 68 हजार 257 बेरोजगार तो ऐसे है जिन्हें रोजगार कार्यालयों में पंजीयन कराए पांच साल से अधिक हो गए फिर भी उन्हें रोजगार नहीं मिल पाया है। तीन साल से पंजीयन कराने के बाद रोजगार की बांट जोह रहे बेरोजगारों की संख्या 2 लाख 75 हजार 264 है और अगर बात हालिया पंजीयन कराने वाले बेरोजगारों की बात करें तो  पिछले एक साल में 20 लाख 71 हजार 307 बेरोजगारों ने नौकरी पाने के लिए रोजगार कार्यालयों की शरण ली है।

ग्वालियर में सबसे अधिक बेरोजगार
ग्वालियर जिले में सबसे अधिक बेरोजगारों ने रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया है। यहां पिछले एक साल में एक लाख 30 हजार 686 युवाओं ने पंजीयन कराया है। ग्वालियर के बाद भोपाल में 95 हजार 930 , मुरैना में 87 हजार 398 और इंदौर में 82 हजार 993 बेरोजगारों ने रोजगार के लिए पंजीयन कराया है।

भोपाल, रीवा, सागर, धार में तीन साल में नौकरी न पाने वाले सर्वाधिक
पंजीयन के बाद तीन साल में भी जिन जिलों में सर्वाधिक बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला है उनमें सागर में सर्वाधिक 11 हजार 599, धार में 10 हजार  950, भोपाल में 10 हजार 608, ग्वालियर में 10 हजार 554,रीवा में 10 हजार 123 बेरोजगार शामिल है।

ओबीसी वर्ग में सर्वाधिक बेरोजगार
बेरोजगारों के जो पंजीयन रोजगार कार्यालयों मे हुए है उनमें अन्य पिछड़ा वर्ग के सर्वाधिक 9 लाख 98 हजार और अनारक्षित वर्ग के 8 लाख 10 हजार बेरोजगार शामिल है। अनसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के बेरोजगारों की संख्या काफी कम है। अनुसूचित जनजाति वर्ग में 3 लाख 36 हजार और अनुसूचित जाति वर्ग में 4 लाख 35 हजार युवा बेरोजगार है।

68 हजार को पांच साल में भी नहीं मिली नौकरी
 पूरे प्रदेश में 68 हजार 257 ऐसे बेरोजगार है जिन्हें रोजगार कार्यालयों में पंजीयन कराने के पांच साल बाद भी नौकरी नहीं मिल पाई है। इनमें भी सर्वाधिक संख्या धार जिले में 3733 है। सागर में ऐसे 3016 और मंडला में 2801 बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल सका है।

ग्वालियर के बेरोजगारों को मिली सर्वाधिक नौकरी
पिछले दस सालों में केवल 1647 युवाओं को रोजगार मिला है और आठ लाख 25 हजार युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से आॅफर लेटर मिले है। जिन बेरोजगारों को अधिसूचित रिक्तियों के विरुद्ध नौकरी मिल पाई है उनमें ग्वालियर जिले में सर्वाधिक 452 बेरोजगारों को नौकरी मिली है। इसके अलावा भिंड में 383, शहडोल जिले में  311 और भोपाल में 109 बेरोजगारो को नौकरी मिली है। इसके अलावा बड़वानी, बालाघाट, दमोह, दतिया, इंदौर, जबलपुर, मंडला, रायसेन, रतलाम, रीवा, सीहोर, शाजापुर, सिंगरौली और टीकमगढ़ के बेरोजगारों को नौकरी मिली है। बाकी किसी जिले में दस साल में कोई नौकरी नहीं मिली। वर्ष 2011 से 2022 के बीच रोजगार कार्यालयों ने रोजगार मेले खूब लगवाए और इनमें  आठ लाख 25 हजार 356 युवाओं को आॅफर लेटर भी प्रदान किए। इनके जरिए जबलपुर में सर्वाधिक 37 हजार 231 को आॅफर लेटर दिए गए। उज्जैन में 36 हजार 855 को आॅफर लेटर मिले है।

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