विक्टोरिया अस्पताल में महिला चिकित्सक का मंगलसूत्र-चूड़ियां तोड़ीं जड़ा थप्पड़, गिरफ्तार

जबलपुर
 विक्टोरिया अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा कक्ष (कैजुअल्टी) में डा. आकांक्षा चौधरी के साथ मारपीट कर दी गई। घटना बुधवार सुबह करीब 10.40 बजे की है। मारपीट के विरोध में विक्टोरिया अस्पताल के चिकित्सकों व कर्मचारियों ने कामकाज बंद कर दिया, जिसके कारण ओपीडी व आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। उपचार की उम्मीद लिए सुबह अस्पताल पहुंचे सैकड़ों मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। इधर, घटना की सूचना मिलते ही ओमती पुलिस मौके पर पहुंची। मारपीट करने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके खिलाफ चिकित्सक प्रोटेक्शन एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। ओमती थाना प्रभारी प्रफुल्ल श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपित महिला को कोर्ट में पेश किया जा रहा है।हमले में घायल डॉक्टर ने दुखी होकर कहा कि ये काफी शर्मनाक है। हम यहां इतना पढ़-लिखकर पिटने के लिए बैठे हैं।

खुद को बताया पुलिस अधिकारी-

पुलिस के मुताबिक डा. आकांक्षा चौधरी मंगलवार सुबह कैजुअल्टी ड्यूटी कर रही थीं। 10.40 बजे रानी विश्वकर्मा पति सुधीर विश्वकर्मा निवासी मदर टेरेसा माढ़ोताल वहां पहुंची। उसके साथ सुधीर जाट नामक मरीज था तथा उसने स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर कहा कि वह माढ़ोताल थाना में पदस्थ है। महिला ने सुधीर के घाव में टांके लगाने के लिए कहा। डा. चौधरी ने कहा कि पुराने घाव पर टांके नहीं लगाए जा सकते हैं और उन्होंने उसे शल्य चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी। शल्य चिकित्सक के पास जाने की सलाह सुनते ही रानी विश्वकर्मा आग बबूला हो उठी और उसने डा. आकांक्षा के साथ मारपीट की। अपशब्द कहते हुए उसने थप्पड़ मारे तथा मंगलसूत्र एवं चूड़ियां तोड़ दीं। तब तक कैजुअल्टी के अन्य कर्मचारियों ने बीच बचाव करते हुए पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि रानी पुलिस अधिकारी नहीं है।

 

डॉक्टर बोलीं, बचाने के लिए अस्पताल में एक गार्ड तक नहीं…
डॉक्टर आकांक्षा ने बताया, मैं पेशेंट का घाव देखने के लिए उठी, इतने में उसकी पत्नी ने सीधे मेरा मंगलसूत्र पकड़कर खींचा। वो इतनी बलिष्ठ औरत थी कि उसे पलटकर कोई मार भी नहीं सका। दो-तीन लोग बचाने भी आए थे। जो भैया मुझे बचाने आए थे, उनका भी उसने हाथ मरोड़ दिया। मुझे चांटा मारा। हाथ, पैर में मारा। यह बहुत गलत है। सरकार को शर्म आनी चाहिए। यह कोई तरीका नहीं है कि हम इतना पढ़-लिखकर यहां पर बैठे हैं, कोई भी मार जाता है। एक गार्ड तक नहीं है यहां पर बचाने के लिए।

 

 

 

 

 

15 मिनट तक झगड़ा किया, महिलाओं पर कार्रवाई होगी
जिला अस्पताल की पुलिस सुरक्षा चौकी पर पदस्थ आरक्षक भूपेंद्र कुमार इस पूरी घटना के चश्मदीद हैं। उन्होंने बताया, मैं सुरक्षा चौकी पर बैठा हुआ था। इसी दौरान कैजुअलिटी से शोर सुनाई दिया। वहां जाकर देखा, तो दो महिलाएं डॉक्टर पर हमला कर रही थीं। एक महिला रानी विश्वकर्मा को ओमती थाने ले जाया गया है। उसके खिलाफ डॉक्टर पर हमला करने को लेकर कार्रवाई की जा रही है। 15 मिनट तक महिलाओं ने डॉक्टर से झगड़ा किया।

 

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