आसामाजिक तत्व प्रदेश में बिगाड़ सकते है माहौल, सरकार ने कलेक्टरों की शक्तियां बढ़ाईं

भोपाल
 गृह विभाग को खुफिया रिपोर्ट मिली है कि आसामाजिक तत्व नए साल एक जनवरी से  31 मार्च 2023 तक प्रदेश में शांति भंग कर सकते हैं.इस रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश का गृह विभाग अलर्ट हुआ है. इसके बाद से मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को विशेष शक्तियां प्रदान की गई हैं.गृह विभाग से मिले निर्देशों के बाद कलेक्टर्स अशांति फैलानों के विरुद्ध कार्रवाई कर सकेंगे.

एक जनवरी से 31 मार्च तक अंदेशा

गृह विभाग को मिले इनपुट में बताया गया है कि आसामजिक तत्व मध्य प्रदेश में एक जनवरी से लेकर 31 मार्च तक अशांति फैला सकते हैं. इसलिए गृह विभाग ने एमपी के कलेक्टर्स और एसपी को आदेश जारी कर सख्ती और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं.एक जनवरी से 31 मार्च तक विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है.ऐसा करते हुए पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई के साथ एनएसए के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे.शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बदमाशों को जिला बदर किया जाएगा.

गृह विभाग की ओर से मध्य प्रदेश के कलेक्टर्स और एसपी को दिए निर्देश में साफ कहा गया है कि सभी कलेक्टर्स और एसपी अपने-अपने जिलों में अलर्ट रहें.स्थानीय सीमाओं के भीतर पुलिस सतर्क रहे. इससे कोई भी बदमाशी या आतंक न फैला सके,क्योंकि नए साल के जश्न में वैसे भी सभी डूबे रहते हैं. इसका शांति भंग करने वाले अपराधी फायदा उठा सकते हैं.

गृह विभाग ने यह दिया आदेश
गृह (सी-अनुभाग) विभाग मंत्रालय, वल्लन भवन भोपाल की ओर से 26 दिसंबर को जारी आदेश क्रमांक एफ-31.05.1998-दो-सी-1 में कहा गया है, चूंकि,राज्य शासन के पास ऐसी रिपोर्ट है कि कतिपय तत्व सांप्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने के लिए और लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई कार्य करने के लिए सक्रिय हैं. उनके सक्रिय रहने की आशंका है.राज्य के प्रत्येक जिले को स्थानीय सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों में विद्यमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए,राज्य सरकार को यह समाधान हो गया है कि संबंधित जिला दण्डाधिकारी को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (1980 का सं.65) की धारा 3 की उपधारा (3) के अंतर्गत अधिकृत किया जाना आवश्यक है. अतएव राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (1980 का सं. 65) की धारा 3 की उपधारा (3) के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए,राज्य सरकार, यह निर्देश देती है कि संबंधित जिला दण्डाधिकारी अपने जिले की स्थानीय सीमाओं के भीतर दिनांक 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2023 तक की काल अवधि के दौरान उक्त धारा 3 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त निरोध का आदेश करने की शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा.

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