प्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, टेक्नालॉजी के लिए 2022 नीति का ऐलान

भोपाल

प्रदेश में तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने साइंस, टेक्नालॉजी और नवाचार 2022 नीति का ऐलान कर दिया है। इसमें राज्य नवाचार कोष की स्थापना के साथ कोडिंग और क्यूरियोसिटी लैब तैयार करने और इनोवेशन प्रमोशन ग्रुप समेत सरकारी डेटा के उपयोग के लिए डेटा नीति बनाने के प्रावधान किए गए हैं। सरकार ने तय किया है कि बच्चों की पढ़ाई से युवाओं के रोजगार तक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए साफ्टवेयर बनाने की पॉलिसी को बढ़ावा देकर आमजन मानस में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देगी।

राज्य सरकार शासकीय कामकाज में नवाचार और एक्सीलेंस को बढ़ावा देने के लिए राज्य नवाचार कोष की स्थापना करेगी। इसका उपयोग डिजिटल पब्लिक गुड्स बनाने की दिशा में काम करने वाले स्टार्टअप्स के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के लिए किया जाएगा। मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2022 में यह प्रावधान भी सरकार ने किए हैं कि प्रदेश में कोडिंग और क्यूरियोसिटी लैब बनाएंगे। इसके साथ ही अधिकतम प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान पार्क और इनोवेशन प्रमोशन ग्रुप भी बनाए जाएंगे।

राज्य शासन द्वारा जारी इस नवीन नीति में कहा गया है कि आने वाले दस सालों के भीतर प्रदेश में कोडिंग लैब बनाया जाएगा जो लर्न टू कोड सिलेबस और रुचिकर एक्टिविटीज को संचालित करेगा। यह निजी क्षेत्र के सहयोग से स्टूडेंट्स को प्रमाण पत्र देगा। इसी तरह क्यूरियोसिटी लैब निजी क्षेत्र और शिक्षाविदों के सहयोग से नए प्रयोग और रोचक अनुभव तैयार करेगी। इसके द्वारा किसी भी विषय में एक्सपेरिमेंट करने वाले साइंटिस्ट के ग्रुप बनाकर छात्रों को विज्ञान माडल और साफ्टवेयर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

ऐसी होगी विज्ञान पार्क की परिकल्पना
नीति में कहा गया है कि छात्रों के साथ-साथ पर्यटकों एवं आम जन में विज्ञान के प्रति अभिरुचि जगाने के लिए विज्ञान से परिपूर्ण शैक्षणिक और मनोरंजक विज्ञान केंद्र बनाने के लिए एक विज्ञान पार्क योजना बनाई जाएगी। एक विज्ञान संग्रहालय होगा जिसमें विमानन, अंतरिक्ष, जीव विज्ञान, आनुवंशिकी, प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र, जलवायु, आदि को प्रदर्शित करने वाली जानकारी होगी। विज्ञान आविष्कार गैलरी रहेगी जो विश्व के महानतम वैज्ञानिक आविष्कारों के इतिहास को प्रदर्शित करेगी। इंटरैक्टिव विज्ञान प्रयोगों को प्रदर्शित करने वाला एक एक्सप्लोरेटोरियम बनेगा। एक तारामंडल बनेगा जो खगोल विज्ञान कार्यक्रमों को प्रदर्शित करेगा और सम्बंधित कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। साथ ही राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय एजुकेशनल रिसर्च डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट्स के बीच सहयोग, समन्वय  और अभिसरण के लिए एक मंच विकसित किया जाएगा।

डेटा नीति करेंगे डेवलप
नीति के अनुसार सरकार के पास लोगों, सेवाओं आदि के बारे में बड़ा डेटा स्टोर है। इस डेटा को आसानी से उपलब्ध कराकर नवाचार और डेटा-संचालित सेवाओं को बढ़ावा देने, सरकारी विभागों के पास उपलब्ध डेटासेट की पहचान करने के लिए सरकार डेटा नीति बनाएगी। साथ ही डेटा क्वालिटी मानकों को परिभाषित कर डेटा गोपनीयता तंत्र विकसित करेगी तथा सदस्यता-आधारित डेटा उत्पादों की संभावना का पता लगाने का प्रयास करेगी।

बनेंगे इनोवेशन प्रमोशन ग्रुप
विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख हितधारकों के साथ एक इनोवेशन प्रमोशन ग्रुप (आईपीजी) की स्थापना की जाएगी, जो नवाचार इकोसिस्टम के नोडल के रूप में कार्य करेगी। जिला स्तरीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, नवाचार प्रतियोगिता एवं ग्रामीण स्तर पर चलित विज्ञान प्रदर्शनियों के माध्यम से छात्रों एवं जनसाधारण को प्रेरित करने का प्रयास किया जाएगा। नवाचार ग्रुप, इन्क्यूबेटरों और एक्सेलेरटरों की स्थापना की जाएगी। शैक्षणिक और रिसर्च सेंटर्स में रिसर्च और उत्पादों के व्यवसायीकरण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे।

स्वदेशी कला, तकनीक को बढ़ावा
नीति में यह भी कहा गया है कि उन्नत तकनीक के उपयोग से स्वदेशी कला को डिजिटाइज करने की पहल को बढ़ावा देने का काम होगा। इसमें ब्लॉकचेन के उपयोग को बढ़ावा देकर कलाकारों को अपना पोर्टफोलियो बनाने, पहचान एवं लोकप्रियता पाने में मदद की जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि एक राज्य-स्तरीय पारंपरिक ज्ञान संग्रह विकसित किया जाएगा, जो पारंपरिक ज्ञान, जनजातीय औषधियों और प्रथाओं का दस्तावेजीकरण, सत्यापन और प्रचार करेगा।

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