2 करोड़ के छात्रवृति घोटाले की जांच की मांग पर जनजातीय विभाग में हड़कंप

डिंडौरी
 आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले में 2 करोड़ रूपये का छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है। आरोप है कि डिंडौरी में पदस्थ तात्कालीन आदिवासी सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके ने यह घोटाला किया है। कलेक्टर विकास मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जनजातीय विभाग के कमिश्नर को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की है जिसके बाद जनजातीय विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

 

बता दें कि वर्ष 2019 से 2021 तक अमर सिंह उइके डिंडौरी आदिवासी सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ थे। अपने कार्यकाल के दौरान ही उन्होंने इस घोटाले को अंजाम दिया है। ख़ास बात यह है कि जब अमर सिंह उइके डिंडौरी आदिवासी सहायक आयुक्त बने उस वक्त प्रदेश में कमलनाथ सरकार थी और आदिवासी विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डिंडौरी विधायक ओमकार मरकाम थे।

पूर्व कैबिनेट मंत्री के गृह जिले में आदिवासी छात्र छात्राओं की छात्रवृत्ति घोटाले उजागर होने पर बीजेपी जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। वहीं दूसरी ओर पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने मामले में सफाई दी है। मरकाम ने खुद पर एवं तात्कालीन कांग्रेस सरकार पर लग रहे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कलेक्टर ने जो पत्र जनजातीय विभाग के कमिश्नर को लिखा है उसमें उन्होंने अभिमत देते हुए स्पष्ट लिखा है की बैंक स्टेटमेंट के परीक्षण में राशि का आहरण होना पाया है साथ ही उन्होंने विस्तृत जांच की मांग की है। मामले पर कलेक्टर का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला संदेहास्पद है लिहाजा उन्होंने विस्तृत जांच के लिए जनजातीय विभाग के कमिश्नर को प्रस्ताव भेजा है।

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