भोपाल में मासूम को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर छोड़कर भागा पिता

भोपाल  
 
राजधानी के भोपाल रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस की सजगता से ढाई साल की मासूम लावारिस होने से बच गई। दरअसल मासूम का पिता उसे प्लेटफार्म नंबर एक पर छोड़कर भाग गया था। रेलवे पुलिस की तत्परता से लावारिस हालत में मिली ढाई साल की बच्ची ने अपने पिता को फुटेज में देखकर पहचान लिया। बता दे मासूम का पिता शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर उसे छोड़ कर भाग गया था। पुलिस ने जब संदिग्ध व्यक्ति का फुटेज बच्ची को दिखाया तो, मासूम बोली ये मेरे पापा है।  
 
मानसिक रोगी है बच्ची का पिता
मानसिक रोगी इस पिता ने गुरुवार को भी नागदा स्टेशन पर बेटी को लावारिस छोड़ दिया था, लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने बच्ची को पुनः उसके पिता को ही सौंप दिया था। दूसरी बार मिलने के बाद रेलवे पुलिस ने मासूम को रेलवे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है। फिलहाल बच्चे की मां भी उसे लेने के लिए स्टेशन पर पहुंच गई है, लेकिन पुलिस चाइल्डलाइन के द्वारा ही अब तय करेगी कि बच्ची को किसे सौंपना है।
 

जीआरपी थाना प्रभारी दिनेश सिंह ने दी जानकारी
जीआरपी थाना प्रभारी दिनेश सिंह चौहान ने बताया कि शनिवार सुबह 10 बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर स्टेशन मैनेजर के कमरे के सामने कंबल में लिपटी बालिका मिली थी। वे ठीक से अपना पता नहीं बता पा रही थी। पुलिस ने स्टेशन पर लगे कैमरे चेक किए। फुटेज में सुबह करीब 3:45 संदिग्ध व्यक्ति बालिका को वहां छोड़कर भागता दिखा। पुलिस ने बालिका को रेलवे चाइल्डलाइन के समन्वयक संजीव जोशी के सुपुर्द किया।
 
पुलिस ने जीआरपी, आरपीएफ के व्हाट्सएप ग्रुप पर बालिका एवं संदिग्ध व्यक्ति के फुटेज प्रसारित कर दिए। इस दौरान बच्ची को भी संदिग्ध व्यक्ति का फोटो दिखाया गया। फोटो देखते ही बच्चे खुश होते हुए बोली ये मेरे पापा हैं। उधर शनिवार दोपहर को बिना रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति ट्रेन के इंजन में घुसकर हंगामा करने लगा। बीना रेलवे पुलिस उसे थाने ले कर आई। उसका हुलिया भोपाल रेलवे स्टेशन में बच्ची को छोड़कर भागे संदिग्ध से मिलता-जुलता दिखा। घटना का पता चलने पर बालिका की मां और परिवार के अन्य लोग भी भोपाल आ गए हैं। सोमवार को रेलवे चाइल्डलाइन बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करेगी। समिति बच्चे की सुपुर्दगी का निर्णय लेगी।
 
मानसिक बीमारी का पड़ा था दौरा
बच्ची के परिजनों ने बताया कि बच्ची का परिवार मूलता बैतूल का रहने वाला है। बालिका का पिता मानसिक रोगी है। लंबे समय तक चले इलाज के बाद 2 साल पहले में पूरी तरह ठीक हो गया था। उसकी 4 बेटियां और एक बेटा है पिछले दिनों में ढाई साल की बेटी को लेकर अहमदाबाद में रहने वाली अपनी बहन के घर चला गया था। वहां से वे 12 जनवरी को नागदा स्टेशन पहुंचा था। मानसिक बीमारी का दौरा पढ़ने पर उसके बच्ची को नागदा स्टेशन पर लावारिस छोड़ दिया था। मौके पर मौजूद पुलिस ने बालिका को सुना उसके पिता को सौंप दिया था इसके बाद में भोपाल में रेलवे स्टेशन पर बेटी को लावारिस छोड़कर भाग निकला।

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