विपक्षी एकता में अलग-थलग तो नहीं पड़ रही कांग्रेस, AAP के लिए राह बदलते पुराने साथी

नई दिल्ली
 
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ विपक्षी दलों के नेताओं का आम आदमी पार्टी के लिए आवाज उठाना जारी है। जबकि, कांग्रेस ने अब तक इस मामले से दूरी बनाकर रखी है। हालांकि, ताजा घटनाक्रम इशारा कर रहे हैं कि इसका राजनीतिक असर कांग्रेस पर भी हो सकता है। दरअसल, सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाले में कई दल कांग्रेस के साथी रहे हैं।

मंगलवार को ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके नेता एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने इसके जरिए सिसोदिया की रिहाई की मांग की है। खास बात है कि कांग्रेस तमिलनाडु में डीएमके की अगुवाई वाली सरकार में शामिल है। इससे पहले केरल के सीएम और वाम नेता पिनराई विजयन ने भी इसी तरह का पत्र लिख चुके हैं।

11 पहुंची संख्या
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद करीब 9 विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। इनमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवंत मान, जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, का नाम शामिल है। इनके साथ महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव भी पत्र पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि सीएम केसीआर ही इस पत्र के बड़े सूत्रधार हैं।

कांग्रेस को झटका!
दरअसल, कांग्रेस लगातार 2024 चुनाव के लिए विपक्षी एकता की अपील कर रही है और मोर्चे का नेतृत्व करने की बात कह रही है। बीते सप्ताह ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, 'मैंने यह कभी नहीं कहा कि कौन नेतृत्व करेगा और कौन पीएम बनेगा। यह सवाल नहीं है। हम साथ मिलकर लड़ना चाहते हैं। यही हमारी इच्छा है।' खास बात है कि उन्होंने यह बात स्टालिन के जन्मदिन के मौके पर ही कही थी। अब स्टालिन, पवार, फारूक अब्दुल्ला, तेजस्वी यादव जैसे सियासी साथियों का अलग राह पकड़ना कांग्रेस को चिंता में डाल सकता है। कांग्रेस महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है। वहीं, बिहार के महागठबंधन में भी कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल साथ हैं। हाल ही में पार्टी ने सीपीएम के साथ मिलकर त्रिपुरा विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और झारखंड सीएम हेमंत सोरेन अब तक इस तरह के पत्र से दूरी बनाए हुए हैं। झारखंड की गठबंधन सरकार में भी कांग्रेस शामिल है।

क्या है कांग्रेस की चुप्पी की वजह
हाल ही में कांग्रेस ने अपने चुप्पी की वजह बताई प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सिसोदिया की गिरफ्तारी पर कहा, 'जब एजेंसियां विपक्ष के पीछे जाती हैं, तो फिर चाहे हमारे नेता हों या बिहार या महाराष्ट्र के नेताओं को खिलाफ बात हो। आम आदमी पार्टी एक शब्द नहीं कहती। वे क्यों नहीं बोलते? उन्हें तय करना होगा कि वह भाजपा की बी-टीम हैं या विपक्ष में हैं। अगर आप विपक्ष में हैं… तो आपको हर मुद्दे पर विपक्ष के साथ खड़ा होना होगा।'

उन्होंने कहा, 'जब ईडी हमारे नेताओं के खिलाफ साजिश कर रही थी, तो पूरा विपक्ष हमारे साथ था। लेकिन जब पूरा विपक्ष हमारे साथ था, तो क्या यह पूछा गया कि आम आदमी पार्टी कहा थी? जब तब राष्ट्रपति को पत्र भेजा गया था, तो पूरे विपक्ष ने साइन किए थे। आप ने क्यों नहीं किए? ऐसा नहीं हो सकता कि जब हमारे साथ कुछ हो और आप चुप रहे हैं और जब आपके साथ कुछ हो, तो हम कुछ कहें…।'

 

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