चीन की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही, कई विदेशी कंपनियां अब मुंह मोड़ा

नई दिल्ली
 चीन की धीमी अर्थव्यवस्था से अब दुनिया की कई बड़ी-बड़ी कंपनियां मुंह मोड़ रही हैं। वहीं ये भारत में अब अपना भविष्य देख रही हैं। यही कारण है कि इटली की एक कंपनी ने चीन को छोड़ भारत का रुख किया है। लग्जरी प्रोडक्ट बनाने वाली इस कंपनी ने टाटा के साथ मिलकर भारत में अपना पहला डिजिटल बुटीक लॉन्च करने की घोषणा की है।

दरअसल, पिछले कुछ समय से लग्जरी चीजों को लेकर भारत का मार्केट लगातार बढ़ रहा है। कई नामी-गिरामी ब्रांड अपना बेहतर भविष्य अब भारत में देख रहे हैं। देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भी इस कंपनी के लिए भारत में नए रास्ते खोल रही है। शायद इसी को ध्यान में रखते हुए इटली के लग्जरी ब्रांड बुल्गारी (Bvlgari) ने भारत को चुना है।

टाटा क्लिक के साथ लॉन्चिंग

बुल्गारी के चीफ एग्जीक्यूटिव जीन-क्रिस्टोफ बेबिन ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अभी भारत है। बुल्गारी ने टाटा क्लिक लग्जरी के साथ पार्टनरशिप में भारत में अपना पहला डिजिटल बुटीक लॉन्च करने की घोषणा की। बेबिन ने एक इंटरव्यू में कहा कि लग्जरी प्रोडक्ट के लिए भारत तेजी से उभर रहा है। भारत का आकार और क्षमता वेस्टर्न लग्जरी चीजों के लिए परफेक्ट है।

'चीन में अब वह बात नहीं रही'

बेबिन ने कहा कि पिछले दशक में लग्जरी मार्केट में काफी वृद्धि हुई है। इसमें चीन का भी अहम योगदान रहा है। लेकिन अब चीन में वह बात नहीं रही। वहां मार्केट लगभग खत्म हो चुकी है। यह मंदी से गुजर रहा है। उन्होंने कहा वे अब इससे बाहर निकल जाएंगे।

भारत को बताया इकनॉमिक बूस्टर

बेबिन ने इंटरव्यू में भारत को इकनॉमी का बूस्टर बताया। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी को इंजन बूस्टर की जरूरत है ताकि ग्लोबल लेवल पर ग्रोथ दोहरे अंकों में हो। उन्होंने कहा कि भारत उनके लिए वह बूस्टर है। बेबिन ने कहा कि उनके लिए भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। उन्होंने कहा कि यहां लोगों की आय बढ़ रही है। ऐसे में भारत में लग्जरी ईकॉमर्स की संभावना चीन की तुलना में कहीं अधिक आशाजनक हो सकती है।

कई प्रोडक्ट बेचेगी बुल्गारी

बुल्गारी डिजिटल बुटीक टाटा क्लिक लक्जरी प्लेटफॉर्म पर कई लग्जरी प्रोडक्ट बेचेगी। इनमें बी.जीरो1 कड़ा ब्रेसलेट, बुल्गारी मंगलसूत्र, सर्पेंटी वाइपर ब्रेसलेट, बी.जीरो1 रिंग्स, ऑक्टो रोमा घड़ियां आदि शामिल हैं।

Back to top button