महिलाओं और छोटे कारोबारियों को राहत देने की तैयारी

मुंबई
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार महिलाओं और छोटे कारोबारियों को जल्द से जल्द से 10 लाख रुपये तक का कर्ज देने के लिए जमाएं स्वीकार करने वाला एक सामाजिक सूक्ष्मवित्त संगठन गठित करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि यह विचार नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक के संस्थापक मोहम्मद यूनुस के साथ एक चर्चा के दौरान आया।

एमएसएमई और सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इसकी पुष्टि वित्त मंत्रालय और शीर्ष प्राधिकरण के साथ चर्चा के बाद की जाएगी। भारत में पहले ही देश के विभिन्न हिस्सों में सूक्ष्म ऋण देने वाले संगठन हैं, और इनमें से कुछ लघु वित्त बैंक के रूप में काम भी कर रहे हैं, जिससे उन्हें जमाओं तक पहुंच मिलती है। उल्लेखनीय है कि नीतिनिर्माओं द्वारा जमाएं लेने की इजाजत बेहद सावधानी के साथ दी जाती है।

फिक्की एफएलओ के साथ बातचीत में गडकरी ने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था के बारे में विचार कर रही है, जहां तीन दिनों में महिला उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सकता है। इस व्यवस्था के बारे में समझाते हुए उन्होंने कहा कि वित्तपोषण इकाई पंजीकरण करा सकते हैं। आपको आरबीआई से लाइसेंस मिलेगा, आप जमा राशि स्वीकार कर सकते हैं और छोटे लोगों को ऋण दे सकते हैं।

हम इस तरह का तंत्र विकसित कर रहे हैं। हम लाल फीताशाही के बिना बेहद सरल प्रक्रिया के साथ सामाजिक सूक्ष्म और लघु संस्थानों के लिए इस तरह की व्यवस्था विकसित कर रहे हैं। इस संबंध में नीति आयोग पहल कर रहा है और इसके आधार एक नीति बनाई जाएगी। गडकरी ने कहा कि सभी छोटे लोगों को धन मिलेगा। विचार यह है कि हम ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की संभावना कैसे बना सकते हैं।

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