बैंकर्स नहीं चाहते मोरेटोरियम बढ़ाना, सुप्रीम कोर्ट में 1 सितंबर को सुनवाई

नई दिल्ली
कर्ज की किस्त (ईएमआई) भुगतान में स्थगन  यानी मोरेटोरियम की सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई लोन मोरेटोरियम को 31 अगस्त से आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। जहां सुप्रीम कोर्ट में मोरेटोरियम योजना को दिसंबर तक बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है वहीं, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा समेत कई बैंक इसे बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं हैं।

एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख, कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी उदय कोटक और एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार समेत कई बैंकर्स ने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से मोरेटोरियम अवधि नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है। इनका कहना है कि कई लोग इस सुविधा का अनुचित लाभ ले रहे हैं। बैंकर्स का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने और सुगमता के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं। अस्थायी उपायों के जरिए कर्ज लेने वालों की  समाधान नहीं हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक की मोरेटोरियम योजना को दिसंबर तक बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट एक सितंबर को सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एक हफ्ते में स्पष्टीकरण मांगा था और कहा था कि लॉकडाउन आपने लगाया है तो आरबीआई के नाम पर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी है कि कोरोना संकट में जिन कठिन आर्थिक हालातों को देखते हुए मोरेटोरियम सुविधा दी गई थी वह अभी समाप्त नहीं हुई है, ऐसे में मोरोटोरियम की सुविधा को इस साल दिसंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए।

मोरेटोरियम खत्म होने की सूरत में कर्ज लेने वालों की समस्या को दूर करने के लिए आरबीआई वन टाइम लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम लेकर आया है। आरबीआई के मुताबिक, कॉरपोरेट घरानों के अलावा व्यक्तिगत यानी खुदरा ग्राहकों को भी इसका फायदा मिलेगा। कंज्यूमर लोन, एजुकेशन लोन, हाउसिंग लोन, शेयर मार्केट-डिबेंचर खरीदने के लिए लिया गया लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स खरीदने के लिए लिया गया लोन, क्रेडिट कार्ड लोन, ऑटो लोन, गोल्ड लोन , एफडी के बदले लिया गया लोन और पर्सनल लोन पर भी रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम का फायदा लिया जा सकता है।

पिछले दिनो पीएनबी के सीएमडी मल्लिकार्जुन राव ने कहा था कि मोरेटोरियम में सभी ग्राहकों को एक पैमाने पर रखा गया है। जबकि कई लोग ईएमआई चुकाने में सक्षम हैं। उनका कहना है कि हम अपने ग्राहकों को मुसीबत में नहीं छोड़ेंगे बल्कि उनकी वित्तीय स्थिति के अनुसार उन्हें कर्ज चुकाने का विकल्प मुहैया कराएंगे। राव ने कहा कि कई लोगों की नौकरियां चली गई हैं जबकि काफी लोगों के वेतन में कटौती हुई है। ऐसे ग्राहकों को नजरअंदाज नहीं कर करेंगे बल्कि उनके लिए विशेष उपाय करेंगे जिसकी घोषणा 31 से पहले हो सकती है।

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