पेंशन लेने वालों से ठगी : ट्रेजरी से बोल रहा हूं, अपना पैन और आधार नंबर बताइए

 बरेली 
कोरोना काल में बुजुर्ग पेंशनधारक भी ठगों के निशाने पर आ गए हैं। ठग खुद को ट्रेजरी और बैंकों के कर्मचारी बताकर बुजुर्गों से उनकी बैंक पासबुक डिटेल, आधार और पैन कार्ड मांग रहे हैं। पांच से अधिक बुजुर्गों की शिकायत आने के बाद मुख्य कोषाधिकारी (सीटीओ) ने अलर्ट जारी कर दिया है। उन्होंने कहा है कि ट्रेजरी से फोन पर इस तरह की जानकारी नहीं मांगी जाती। इसलिए पेंशनधारक या उनके परिवार वाले फोन पर किसी को ऐसी जानकारी न दें। बरेली में करीब 23 हजार पेंशनधारकों की पेंशन ट्रेजरी से जारी होती है। बरेली मंडल में यह आंकड़ा करीब 80 हजार है। पेंशनधारकों को हर साल अपना जीवन प्रमाणपत्र ट्रेजरी में जमा करना होता है। कोरोना काल में सरकार ने जीवन प्रमाणपत्र ऑनलाइन कर दिया है। अधिकांश पेंशनधारकों को इस बारे में पता नही हैं। इसी का फायदा उठाते हुए ठगों ने बुजुर्ग पेंशनधारकों से ठगी की कोशिश शुरू कर दी है। ट्रेजरी में इस तरह की शिकायतें पहुंचने के बाद सीटीओ अनवर अहमद ने अलर्ट जारी कर दिया है। उन्होंने पेंशनधारकों से कहा है कि ट्रेजरी से फोन पर इस तरह का कोई सत्यापन नहीं किया जा रहा है। कर्मचारी न तो किसी को फोन कर रहे हैं न ही किसी को डिटेल व्हाट्सअप पर मांगी जा रही है। इसलिए ऐसी किसी भी कॉल का जवाब न दें। 

ऑनलाइन जमा करें अपना जीवन प्रमाणपत्र 
अनवर अहमद ने बताया कि ट्रेजरी से पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनरों को अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए ट्रेजरी आने की आवश्यकता नहीं है। पेंशनर अपने जीवन प्रामण पत्र वेबसाइट jeevanpraman.gov.in पर अपलोड कर सकते हैं। ऑनलाइन जमा किए गए प्रमाणपत्र की हार्डकॉपी जमा करने के लिए ट्रेजरी आने की जरूरत नहीं है।

अनवर अहमद, मुख्य कोषाधिकारी कहते हैं कि कुछ पेंशनधारकों ने ट्रेजरी में आकर शिकायत की थी कि उनसे फोन पर आधार कार्ड, पैन नंबर व बैंक डिटेल मांगी जा रही है। ट्रेजरी से किसी को ऐसा कोई फोन नहीं किया जा रहा। पेंशनधारक या उनके परिवार वाले फोन पर किसी को ऐसी जानकारी न दें। उनके साथ ठगी हो सकती है। कोरोनाकाल में जीवन प्रमाणपत्र ऑनलाइन जमा हो रहा है। इसके लिए ट्रेजरी आने की जरूरत नहीं है। 

 इनके साथ हुई ठगी : 

केस-1: पुराना शहर के 70 वर्षीय बुजुर्ग पेंशनधारक हैं। कुछ दिन पहले उनके पास जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फोन गया। फोन करने वाले ने खुद को ट्रेजरी का कर्मचारी बताया और आधार व पैन कार्ड का नंबर भी मांगा। बुजुर्ग के बेटों की समझदारी से वह ठगी से बच गए। 

केस-2: बिहारीपुर की वृद्धा को हर साल ट्रेजरी में जीवन प्रमाणपत्र जमा करना होता है। ठगों ने उनसे भी बैंक पासबुक, आधार और पैन कार्ड मांगने की कोशिश की। दस्तावेज ढूंढने के दौरान परिवार के लोगों के सामने बात आने पर वह ठगी से बच गईं। 

केस-3: सिविल लाइंस के एक बुजुर्ग से भी जीवन प्रमाणपत्र और बाकी दस्तावेज फोन करके व्हाट्सअप पर मांगे गए। उन्होंने ट्रेजरी में आकर इस बारे में पता किया तो चौंक गए। अफसरों ने बताया कि ट्रेजरी से किसी को ऐसी कोई कॉल नहीं की गई है। 

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